बुन्देलखण्ड की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण कार्य जोरों पर

सांस्कृतिक धरोहर की खोज, अन्वेषण व संरक्षण की दीर्घकालिक योजना का ब्लूप्रिंट अंतिम दौर में

झांसी। बुन्देलखण्ड की अपार सांस्कृतिक सम्पदा को विलुप्त होने से बचाने, संरक्षित करने तथा विभिन्न विधाओं के मानकीकरण के प्रयासों को एक नई दिशा मिली है। आयुक्त झांसी मंडल डॉ अजय शंकर पांडेय द्वारा चलाई गई मुहिम से अब मंडल के तीनों जिलों की बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक विरासत के उन्नयन की दीर्घकालिक योजना पर काम करने लगे हैं। धरोहर की खोज,अन्वेषण व संरक्षण की दीर्घकालिक योजना का ब्लूप्रिंट अंतिम दौर में है।
आयुक्त ने ‘गाँव-गाँव की गौरवगाथा’ खोज अभियान को 20 सितंबर तक पूर्ण करने के निर्देश देते हुए अब तक के प्रयासों की समीक्षा की। आयुक्त ने बताया कि सांस्कृतिक विरासत को संकलित कर नष्ट होने से बचाने का काम तेजी से चल रहा है।

आयुक्त ने कहा कि इस अभियान का मूल उद्देश्य बुन्देलखण्ड की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करना है। एक बार सूचनाएं संकलित होने के उपरान्त विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों, संस्थाओं, रूचि रखने वाले व्यक्तियों व शोधकर्ताओं के माध्यम से अन्वेषण, संरक्षण एवं शोध का कार्य कराया जायेगा ताकि चिरकाल तक इन्हें सुरक्षित कराया जा सके।

अब तक की गई गतिविधियों में सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व स्थलों की सूची तैयार की गई है जो कि वेबसाइट पर शीघ्र प्रदर्शित होगी। मंडल के तीनों जनपदों में ऐतिहासिक स्थलों की खोज के बाद संरक्षण के प्रस्ताव हो रहे तैयार। अडॉप्ट हेरिटेज’ के तहत दिगारा गढ़ी का चयन किया गया है। साहित्य, संस्कृति, पर्यटन, रीति रिवाज, बुंदेली व्यंजन, कृषि उत्पाद से संबंधित समितियों का पंजीकरण हो रहा है। राष्ट्रीय पर्वों पर बुंदेली सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु अनिवार्यता की व्यवस्था तय कर दी गई है। बुंदेली शैली की चित्रकला के विस्तार की योजना के तहत प्रदर्शनी आयोजित। अब मंडलीय कार्यलयों में चुनिंदा सीनरी लगाई जा रही हैं। वृद्ध व निर्धन कलाकारों को मासिक पेंशन के प्रस्ताव शासन को भेजे गए। बुंदेली कचेहरी कला के कलाकारों को वाद्ययंत्र उपलब्ध कराए गए हैं। बुंदेलखंड की विभूतियों के व्यक्तित्वों पर केंद्रित एक स्मारिका के प्रकाशन की तैयारी चल रही है। मण्डलायुक्त ने बुंदेली सांस्कृतिक कार्यक्रमों के निरंतर आयोजन के निर्देश दिए हैं।

बैठक में उपाध्यक्ष जेडीए सर्वेश कुमार दीक्षित, अपर आयुक्त (प्रशासन) प्रमिल कुमार सिंह तथा सांस्कृतिक समितियों के संयोजक मण्डलीय परियोजना प्रबंधक, एन.एच.एम. आनन्द चैबे, पुरातत्व अधिकारी एस के दुबे उपस्थित रहे।

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