43 दिन बाद खुली शराब की दुकानों पर जुटा मजमा

झांसी। लाॅकडाउन के 43 दिन गुजरने के बाद मंगलवार को नगर के अधिकांश मयखानों को खोल दिया गया। शराब के शौकीन इससे पहले ही पूरी शिद्दत के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी लाइन में खड़े नजर आए। कहीं कहीं लाॅकडाउन के आदेशों को ताक पर रखते हुए सोशल डिस्टेंसी का खूब मजाक भी बनाया गया। कुछ दुकानों को समय से खोलते ही महज आधे घंटे में पूरी दुकान खाली हो गई तो वहीं कुछ दुकानों को देर से भी खोला गया। इस पर धूप में मधुशाला के बाहर ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे लोग आक्रोशित भी दिखाई दिए।
कोरोना कहर से बचने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी ने लाॅकडाउन की घोषणा कर दी थी। उसके बाद से लगातार लाॅकडाउन ही चल रहा है। 21 दिन के लाॅकडाउन की समाप्ति से पूर्व ही 19 दिन का लाॅकडाउन फिर से लगा दिया था। इस प्रकार पूरे 43 दिन तक लाॅकडाउन के दौरान शराब समेत गुटखा,पान,बीड़ी आदि पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। बीते रोज केन्द्र के निर्देशन में राज्य सरकारों को शराब की दुकानों को खोलने का सशर्त आदेश दिया गया था। हालांकि आदेश होने के बाबजूद भी सोमवार को जनपद में दुकानों को नहीं खोला गया। इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी ने मंगलवार से दुकानें खोले जाने की जानकारी दी थी। नगर में पाॅश इलाका मिशन कम्पाउण्ड के गेट पर स्थित दुकान,बड़ागांव गेट बाहर, सीपरी बाजार ,प्रेमनगर, जीवन शाह स्थित दुकानों को खोला गया। वहीं आंतिया तालाब स्थित दुकान करीब एक घंटे की देरी से खोली गई। वहीं कस्बा गुरसरांय, गरौठा, चिरगांव, बड़ागांव, मोंठ, समथर आदि स्थानों पर भी शराब की बिक्री शुरु हो गई।
शराब ग्राहकों का ताली बजाकर किया स्वागत
मंगलवार की सुबह से ही लोगों ने देशी,अंग्रेजी व बीयर माॅडल शाॅप के सामने लाइन लगा ली थी। और सभी पूरे अनुशासन के साथ अपनी बारी के आने का इंतजार करने में जुट गए। दस बजते ही अधिकांश दुकानों को खोल दिया गया। इनमें से कुछ दुकानों पर अपने पहले ग्राहक का ताली बजाकर स्वागत भी किया गया।
चाबी खोना बताया देरी का कारण
आंतियां तालाब स्थित दुकान के देर से खुलने का कारण पुलिस ने दुकान की चाबी खो जाना बताया। हालांकि सूत्रों की मानें तो जनपद की अधिकांश दुकानों पर माल की कमी है। इसके चलते अधिकांश दुकानें देर से खोली जा रही हैं।
मऊरानीपुर में नहीं खुली दोपहर तक दुकानें
वहीं जनपद मुख्यालय से 65 किमी की दूरी पर स्थित एशिया की सबसे बड़ी तहसील कहे जाने वाले कस्बा मऊरानीपुर में दोपहर तक शराब की दुकानें नहीं खुली थी। इस संबंध में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने यह भी बताया कि उनकी ओर से दुकानों को बंद करने के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार यह भी बताया गया कि दुकानदारों ने पहले ही चोरी छुपे पूरा स्टाॅक खत्म कर लिया है। तो भला आज कहां से बेचे। जब माल आ पाएगा तभी तो बिक्री संभव होगी।
गरौठा में कल से ही शुरु हो गई थी बिक्री
हालांकि इसके इतर जनपद में तहसील गरौठा के अन्तर्गत गुरसरांय व गरौठा कस्बा में करीब एक दर्जन दुकानों को बीते रोज ही खोल दिया गया था। इसमें गुरसरांय की अंग्रेजी शराब की दुकान पर एक दरोगा व चार सिपाहियांे की सुरक्षा भी दिखाई दी। लेकिन शराब की दुकान को देखते हुए लोगांे ने अपना आपा खो दिया और सोशल डिस्टेंस की सीमाओं को भूलते हुए वे दुकान पर धक्का मुक्की करते दिखाई दिए।
प्रयोग के सफल होने पर आज पूरे जनपद में शुरु हुई बिक्री
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि जनपद में शराब की कुल 357 दुकानें हैं। इसमें देशी, अंग्रेजी और बियर माॅडल शाॅप भी शामिल हैं। प्रयोग के तौर पर जांच करने के लिए उन्होंने गरौठा तहसील की करीब एक दर्जन दुकानों को बीते रोज खुलवाया था। उनमें करीब आधा दर्जन गुरसरांय में खोली गई थी। कल के सफल प्रयोग के बाद आज से पूरे जनपद में दुकानें खोल दी गई हैं। लेकिन सशर्त ही शराब बिक्री की जा रही है।

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