Jhansi: मौलाना अबुल कलाम ने देश की शिक्षा को मजबूत बनाया
झाँसी। एजूकेशनल एण्ड माइनोरिटीज वैलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में मदर इंडिया कान्वेट जूनियर हाई स्कूल, अन्दर ओरछा गेट में आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद को मो. फारुक की अध्यक्षता, सचिव जिला अधिवक्ता संघ प्रणय श्रीवास्तव के मुख्यातिथ्य में सोमवार को सिराजे अकीदत पेश की गई।
मुख्य अतिथि प्रणय श्रीवास्तव ने कहा कि मौलाना आज़ाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री, संग्राम सेनानी, शिक्षा विशेषज्ञ थे। उनके शिक्षा मंत्रित्व काल में देश में यूजीसी, आईआईएम, आईआईटी जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों की नींव रखने और देश की शिक्षा को मजबूत और सशस्त करने में अहम भूमिका अदा की गई। उनका कहना था कि शिक्षा हर व्यक्ति का जन्म सिद्ध अधिकार है। देश सेवा के लिए उनका समर्पण जबरदस्त था। उन्होंने देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न लेने से मना कर दिया था। उन्हें मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया।
अध्यक्षता करते हुए मो फारुक खान एड० ने कहा कि मौलाना आज़ाद एक महान विचारक, विद्वान,समाज सुधारक, धर्म निरपेक्षता के महान समर्थक एवं समग्र राष्ट्र के विकास एवं उन्नति के पक्षधर थे। इसके पूर्व माल्यार्पण उपरान्त सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में हाजी उस्मान, शाकिर, फिरोज, अमित, इम्तियाज, मोहित, संगीता,आस्मा आदि उपस्थित रहे। संचालन राजेश चौरसिया एड० एवं आभार मो० खालिद ने व्यक्त किया।