झांसी के इतिहास के साथ किये जा रहे खिलवाड़ को रोका जाए : प्रदीप जैन

धरोहरों को बचाने के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने राज्यपाल को लिखा पत्र

झांसी। पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने राज्यपाल को पत्र लिख कर आपत्ति दर्ज की और कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा बरूआसागर के एतिहासिक किले और रघुनाथ राव के महल को अधिसूचना से पर्यटन संवर्धन के उद्देश्य से इन प्राचीन धरोहरों को एडाप्टिव री-यूज किये जाने के लिए पीपीपी माॅडल पर हैरिटेज होटल विकसित किये जाने के लिए असंरक्षित घोषित किया गया है।

 

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इन प्राचीन धरोहरों को होटल के रूप में परिवर्तित कर इनका महत्व खत्म किया जा रहा है। वर्तमान में इन स्थानों पर पर्यटक इनके गौरवशाली इतिहास को जानने की चेष्टा करता है। होटल में बदल जाने पर कोई इनके इतिहास को जानने की कोशिश नहीं करेगा बल्कि इन होटलों में ठहरने वाला अधिक से अधिक ये कह कर चला जायेगा कि होटल बेहतर है। इस तरह झांसी के इतिहास से खिलवाड़ करके झांसीवासियों के मान और सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जा रही है जिससे झांसीवासी बहुत अधिक अपने आपको व्यथित और अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि इस गम्भीर विषय पर मनन कर झांसी के इतिहास के साथ किये जा रहे खिलवाड़ को रोक कर और इन धरोहरों को प्राचीन धरोहर ही रहने दिये जाने के लिये उचित आदेश जारी कर अनुग्रहित करेंगे।

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