मरीज तड़प रहे और सिविल हाॅस्पिटल में आराम फरमा रहे 12 वेंटिलेटर
धरने पर बैठा मीडिया क्लब, आनन-फानन में 7 वेन्टिलेटर मेडिकल काॅलेज भिजवाए गए
झाँसी : विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने पूरे जनपद में कोहराम मचा रखा है। सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में मरीजों की भरमार है। मरीजों को उपचार ठीक ढंग से न मिलने पर लगातार स्वास्थ्य विभाग पर आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं। वेंटिलेटर की किल्लत बताकर मरीजों को पहले दिन से ही सिविल हाॅस्पिटल से चलता कर दिया जाता रहा है। ऐसी स्थिति में कईयों की जान चली गई है। सिविल हाॅस्पिटल में मंगलवार को भी ऑक्सीजन की कमी के चलते दो लोगों की जान गई। उधर, 12 वेंटिलेटर सिविल हाॅस्पिटल में जाने कब से धूल फांक रहे थे। इसकी जानकारी होने पर मंगलवार को मीडिया क्लब सिविल हाॅस्पिटल में धरने पर जा बैठा। इसके बाद हरकत में आए सिविल हाॅस्पिटल प्रशासन ने 7 वेंटिलेटर मेडिकल काॅलेज भिजवाए।
कोविड की दूसरी लहर का सबसे ज्यादा असर भारत में देखने को मिल रहा है। ऐसे में चारों ओर कोहराम मचा है। लोग ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रहे हैं। सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में बेड खाली नहीं है। लोग स्ट्रैचर पर भी भर्ती होने को तैयार हैं। वेंटिलेटर भी सीमित होने के चलते तमाम लोग काल के गाल में समा रहे हैं।
मगर, लापरवाही की हद देखिए कि सिविल हाॅस्पिटल में 12 वेंटिलेटर महीनों से धूल फांक रहे हैं। मंगलवार को जब इसकी जानकारी पत्रकारों को हुई तो सभी सिविल हाॅस्पिटल में बैठ गए। हाॅस्पिटल के सीएमएस से जब पत्रकारों ने जानकारी चाही तो उन्होंने मना कर दिया। इस बीच किसी चिकित्सक ने कहा कि वेंटिलेटर खराब हैं। कमाल की बात तो यह है कि जब आज तक उन्हें उपयोग में ही नहीं लाया गया। सभी नए रखे हैं। तो खराब कब हो गए।
पत्रकार बैठे धरने पर
झाँसी मीडिया क्लब के तत्वावधान में अध्यक्ष मुकेश वर्मा व वरिष्ठ पत्रकार सुल्तान आब्दी, पत्रकार रानू साहू, इमरान खान, तोसिफ कुरैशी, मोहम्मद कलाम, प्रमेन्द्र सिंह, मनीष अली सहित कई पत्रकार धरने पर बैठे। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द जिला अस्पताल में धूल खा रहे वेंटिलेटर अगर चालू नहीं किए गए तो उनका यह धरना आंदोलन में बदल जाएगा।
जिलाधिकारी की सूची में 4 वेंटिलेटर का था जिक्र
कुछ दिनों पूर्व जिलाधिकारी ने भी जनपद के कोविड हाॅस्पिटल और उनमें वेंटिलेटर की व्यवस्था की सूची जारी की थी। इसमें सिविल हाॅस्पिटल में 4 वेंटिलेटर का जिक्र था। मतलब साफ है कि उन्हें भी जानकारी नहीं थी कि जिला अस्पताल में 12 वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं।
सीएमओ बोले, मुझे कुछ नहीं मालूम
इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो हमेशा की तरह उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें कुछ नहीं मालूम। अगर जानकारी चाहिए तो सिविल हाॅस्पिटल के सीएमएस से बात करो।
क्या खराब वेंटिलेटर भेजे गए मेडिकल काॅलेज ?
जब पत्रकार धरने पर बैठ गए तो आनन-फानन में सिविल हाॅस्पिटल प्रशासन ने मेडिकल प्रशासन को पत्र लिखकर 7 वेंटिलेटर मेडिकल काॅलेज भिजवा दिए। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंगलवार को ही करीब 50 वेंटिलेटर खरीदने पर भी चर्चा हुई थी। यहां सवाल यह उठता है कि जब वेंटिलेटर खराब थे तो फिर उन्हें मेडिकल काॅलेज क्यों भिजवाया गया ?
मुख्यमंत्री के आदेशों का भी नहीं खौफ
सिविल हाॅस्पिटल में जिस तरह की लापरवाही देखने को मिली है। इससे तो यह प्रतीत होता है कि उन्हें इस आपातकाल में प्रदेश के मुखिया के आदेशों की भी कोई चिंता नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश हैं कि किसी को अस्पताल से लौटाया न जाए। मगर, सिविल हाॅस्पिटल किसी का इलाज करना ही नहीं चाहता।