चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के अपर निदेशक के सामने खुली चिकित्सा ब्यवस्था की पोल

बाँदा (लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी)। जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू को लेकर चिकित्सा ब्यवस्थाये पूरी तरह से फेल दिखी। सरकार के लगातार ब्यवस्थाये दुरुस्त रखने की बात कही जा रही हैं।लेकिन लापरवाह जिले में तैनात मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा खुलेआम लापरवाही बरती जा रही हैं।ऐसे हालात जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बने हुए है।यहां भर्ती डेंगू पीड़ित रोगी ने जांच और दवाइयां खरीदने में कई हजार रुपए खर्च कर तीमारदारों को करना पड़ रहा हैं। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के अपर निदेशक के औचक निरीक्षण से सीएचसी के व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। मुख्य चित्साधिकारी को तत्काल व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने का निर्देश दिया गया है।

सरकार पूरे देश में आयुष्मान कार्ड बनाकर गरीब और मध्यम वर्ग को मुफ्त इलाज दे रही है। प्रतिमाह छोटे बड़े सरकारी अस्पतालों में लाखों रुपए की दवाएं, उपकरण, किट, और जांच सामग्री उपलब्ध कराई जाती है इसके बावजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसे बड़े चिकित्सालयों में सुविधाओं का जबरदस्त टोटा बना रहता है।

 

चित्रकूटधाम मण्डल बाँदा के अपर निदेशक स्वास्थ एवं चिकित्सा डॉ वी पी द्विवेदी ने 14 सितंबर की शाम 6 बजे के बाद सीएचसी का औचक निरीक्षण किया था इन्होंने अपनी निरीक्षण आख्या रिपोर्ट में बताया है कि अस्पताल में भर्ती नितिन पुत्र उद्री प्रसाद उम्र 21 वर्ष जिस बेड पर लेटा था उसका गद्दा गंदा था और इसमें बेड शीट भी नहीं पड़ी थी । रोगी ने पूछने पर बताया कि वह यहां दो दिनों से भर्ती है चिकित्सक डॉ लवलेश सिंह द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है । उसने चिकित्सक के कहने पर निजी पैथोलॉजी से अपनी जांच कराई है साथ ही मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदकर खा रहा है बताया कि उसके अब तक 4 हजार 500 रूपये खर्च हो चुके हैं।

 

अपर निदेशक ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में बताया है कि स्टॉफ नर्स निशा बगैर एप्रिन पहने ड्यूटी पर मिली । उनके संज्ञान में आया है कि ए एन एम द्वारा नियम विरुद्ध डिलेवरी कराई जाती है इस सम्बंध में सीएचसी अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि एएनएम को कार्यमुक्त कर उनके तैनाती स्थल पर भेजें और प्रसूता महिलाओं की डिलेवरी स्टॉफ नर्सो से कराना सुनिश्चित करें । अपर निदेशक को अस्पताल में विभिन्न रोगों की जांच किटें उपलब्ध नहीं मिलीं जिससे अस्पताल में जांचें नहीं हो पाती हैं और मरीजों को बाहर से जांचें करानी पड़ती हैं । मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है कि मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए सीबीसी मशीन की रिपेयरिंग करवाएं साथ ही संचारी रोग की जांच किटें अस्पताल में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें और इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करें कि सभी सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सीबीसी मशीनें सही हैं एवं सभी जगह संचारी रोग से संबंधित किटें भी उपलब्ध हैं। निरीक्षण के दौरान डॉ दिनेश , डॉ माया, फार्मासिस्ट अखिलेश अस्पताल में मौजूद मिले है।

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