अपहरण व बलात्कार के मामलों में अभियुक्तों के जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त
झाँसी : अपहरण व बलात्कार के अलग-अलग मामलों में विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट), अंजना द्वारा अभियुक्तों के जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिए गए।
विशेष लोक अभियोजक चन्द्र प्रकाश शर्मा के अनुसार हरीराम पाल ने थाना बबीना में अभियुक्त मनुपाल के विरुद्ध 01 अक्टूबर 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 28 सितंबर 2020 को वादी व उसकी पत्नी खेतों में फसल की कटाई हेतु गये थे। घर पर उसकी पुत्री (19) व छोटी पुत्री (पीडिता) उम्र 17 वर्ष थी। समय करीब 3.30 बजे दिन में वादी की बड़ी पुत्री हैण्डपम्प से पानी भर कर घर वापस जा रही थी तो दरवाजे पर छोटी बहन को एक लड़के के साथ देखा जो मनु पाल था। उक्त लड़का रिश्तेदार लगता है। गाँव में कल्लू पाल के पास आता जाता था। इस वजह से वादी की पुत्री उसको जानती थी।
वह पुत्री (पीड़िता) को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। नाबालिग पुत्री घर से करीब 50,000/- रूपये व सोने चाँदी के आभूषण साथ ले गई है। घटना की सूचना पर पुलिस ने धारा- 363,366, 376(1) भाव्दं०सं०,3/4 पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। उक्त मामले में अभियुक्त मनु पाल पुत्र वीरन पाल निवासी खनियाधाना, जिला शिवपुरी की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया।
इसी तरह थाना ककरबई में अभियुक्त श्याम सुंदर के विरुद्ध दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 17 अगस्त .2020 को शाम वादी के गाँव का श्याम सुंदर मोटर साइकिल लेकर आया और उसकी लड़की (पीड़िता) व लड़के को मोटर साइकिल पर बैठाकर घूमने के बहाने खेत की तरफ ले गया। लड़के को आधे रास्ते में छोड़कर लड़की (पीड़िता) को अंदर खेतों में ले गया। उसके साथ गलत काम किया। लड़की के चीखने की आवाज वहां पर भैंस चरा रही महिला ने सुनी तो तुरंत जाकर देखा तो लड़की (पीड़िता) उम्र 10 वर्ष रो रही थी। श्याम सुंदर जान से मारने की धमकी देकर भाग गया।
धारा-376Aबी, 506 भादं०सं०, 5/6 पाक्सो एक्ट के तहत थाना ककरबई में दर्ज अभियोग में अभियुक्त श्याम सुंदर द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने का आधार पर्याप्त नहीं मानते हुए न्यायालय द्वारा प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया।