वर्ल्ड हार्ट डे : अपने दिल को बचाने के लिए किडनी को रखें सुरक्षित

झाँसी। दिल और किडनी की बीमारी एक दूसरे से काफी हद तक जुड़ी होती हैं जिसके बारे में आमतौर पर लोगों को जानकारी नहीं होती। फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज, नई दिल्ली में नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट के प्रिंसिपल डायरेक्टर व नेफ्रोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर संजीव गुलाटी ने हार्ट डे के मौके इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है।

 

विश्व हृदय दिवस एक ग्लोबल कैंपेन है जिसका मकसद आम जनता के बीच स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। ये दिवस हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है। दिल और गुर्दे की बीमारी का गहरा संबंध है। हार्ट डिजीज से पीड़ित मरीजों की बड़ी संख्या ऐसी होती है जिनमें क्रोनिक किडनी डिजीज की अलग-अलग डिग्री होती है। इसी तरह क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीजों में बड़ी संख्या में हृदय रोग होते हैं।

 

क्रोनिक किडनी डिजीज काफी तेजी से बढ़ रही है और ये माना जा रहा है कि 100 में हर 15-20 लोग किसी न किसी स्टेज की क्रोनिक किडनी डिजीज से ग्रस्त हैं। दुनिया में मौतों के कारण की बात की जाए तो किडनी डिजीज का नंबर 5वां आता है। किडनी डिजीज साइलेंट किलर है और इस तरह के मरीजों में दिल की बीमारियां मौत का सबसे आम कारण होता है। इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के रजिस्ट्री डेटा के मुताबिक, हार्ट और किडनी डिजीज के मामले में मौत का सबसे बड़ा कारण डायबिटीज और हाइपरटेंशन है। डायबिटीज और हाइपरटेंशन दोनों ही लाइफस्टाइल की बीमारियां होती हैं, जिनसे बचाव किया जा सकता है। स्टडी से पता चलता है कि जिन मरीजों की किडनी कमजोर होती है उन्हें दिल की बीमारियां होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसका मतलब ये कि अगर किडनी की बीमारियों में सुधार होता है तो इससे दिल के रोगों का डर भी कम हो जाता है। इसीलिए कहा जाता है, ”अपने दिल को बचाने के लिए, अपनी किडनी को बचाएं।”

अलग-अलग अध्ययनों से पता चला है कि हृदय रोग और किडनी की बीमारी के बीच जो गहरा कनेक्शन है उसके बारे में लोगों के बीच जानकारी का बहुत अभाव है। ज्यादातर मरीज जिन्हें दिल का दौरा पड़ता है, उन्हें यह भी पता नहीं होता है कि उनमें क्रोनिक किडनी डिजीज भी है। फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से सीकेडी में और अधिक इजाफा हो गया है।

 

कोरोना महामारी ने लोगों को घरों के अंदर रहने को मजबूर किया। इसका असर ये हुआ कि लोगों ने सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त बिताया। इन प्लेटफॉर्म पर ऐसी जानकारी भी आने लगी जो साइंटिफिकली सही नहीं होती हैं। सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या और पोस्ट ही सफलता का सूत्र समझा जाता है, जिसके चलते इन प्लेटफॉर्म्स का गलत इस्तेमाल भी कंपनियों द्वारा किया गया। यहां दी जाने वाली स्वास्थ्य से संबंधित बहुत जानकारियां ऐसी होती हैं जिनका अगर टेस्ट किया जाए तो किसी पैमाने पर खरी नहीं उतरती हैं।

 

भारत जैसे विकासशील देश में इस तरह की बहुत कोशिशें की जा रही हैं और लोग इस ट्रैप में भी फंस रहे हैं। काफी लोग यहां अपना वक्त तो गंवा ही रहे हैं, साथ ही साथ पैसों का भी नुकसान कर रहे हैं। यही वजह है कि जानकारी के अभाव में किडनी से जुड़ी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई पर असर पड़ रहा है और इससे होने वाली मौतों का ग्राफ भी ऊंचा हो रहा है। ऐसे में किडनी की हेल्थ को बनाए रखने के लिए जानकारी का जो अंतर है उसे पाटने की जरूरत है। इसी के मद्देनजर वर्ल्ड किडनी डे 2022 की थीम भी किडनी हेल्थ फॉर ऑल रखी गई थी।

 

स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाकर आप अपनी हेल्थ को भी सही रख सकते हैं, साथ ही इसकी मदद से किडनी और हार्ट डिजीज के खतरे को भी कम कर सकते हैं। नीचे बताई जा रही कुछ आदतों को अपनाकर आप अपने लिए अच्छा वक्त ला सकते हैं।

-धूम्रपान न करें. अगर आप सिगरेट या बीड़ी पीते हैं तो दिल को बीमारियों से मुक्त रखने की दिशा में धूम्रपान छोड़ना काफी अहम साबित होगा।
-हेल्दी ब्लड प्रेशर बनाए रखें, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल भी संयमित रहे।
-अपने वजन को भी नियंत्रित रखें. बॉडी मास इंडेक्स की ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें और पता करें कि आपके लिए कितना वजन परफेक्ट है।
-हेल्दी डाइट लें. सैचुरेटेड फैट से बचें और नमक का इस्तेमाल कम करें।
-पानी और अन्य तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा पिएं, ताकि आप हाइड्रेट रहें. शराब अगर पिएं भी तो इसकी मात्रा बहुत सीमित हो।
-हफ्ते में 4-5 बार कम 30 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करें. हर दिन आधा घंटे वॉक करना ही बहुत कुछ बदल सकता है। रेगुलर योग करें, इससे आप तनाव मुक्त रहेंगे।

इस प्रकार हृदय रोग और क्रोनिक किडनी रोग की बढ़ती महामारी से निपटने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास करने की आवश्यकता है और जानकारी की कमी को दूर करना जरूरी है क्योंकि “ज्ञान ही शक्ति है”।

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