‘अच्छे और मौलिक शोध पर काम करने की जरूरत’

शोध का महत्त्व उसकी सामाजिक उपयोगिता में: प्रो. इन्दू पाण्डेय खंडूरी
सात दिवसीय शोध प्राविधि संकाय विकास कार्यक्रम का समापन

झाँसी : बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय शोध प्रविधि संकाय विकास कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हो गया। समापन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए महानिदेशक भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आज अच्छे और मौलिक शोध का अभाव है। हमें इस दिशा में काम करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के नवनिर्माण में उसके ऐतिहासिक धरोहर का महत्वपूर्ण योगदान है। भाषा मनुष्य की श्रेष्ठतम सम्पदा में से एक है। प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि मातृ भाषा पर गर्व करना ही नहीं, अपनी भाषा में शोध और ज्ञान को बढ़ाने की जरूरत है। अपनी भाषा में किया गया शोध मौलिक होता है और समाज के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।

व्याख्यान की विषय विशेषज्ञ डॉ. इंदू पाण्डेय खंडूरी निदेशक संकाय विकास केंद्र हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड ने कहा कि शोध के माध्यम से नए ज्ञान प्राप्त करते हैं। शोध में हम अदृश्य ज्ञान को सामने लाने की कोशिश करते हैं। शोध नैतिकता और मूल्य का काम नए ज्ञान के लिए साहित्यिक चोरी को रोकना है। शोध नैतिकता एवं मूल्य के बिना सही ज्ञान की तरफ नहीं बढ़ पाएंगे।

कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. उमेश कुमार ने बताया कि इन सात दिनों में डॉ. बीरपाल सिंह, डॉ. निमित चौधरी, डॉ. विनीत कुमार, डॉ. सुनील भारद्वाज, डॉ. अशोक कुमार मिश्र, डॉ. एसके चतुर्वेदी, प्रो. इन्दू पाण्डेय खंडूरी ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। प्रतिभागियों से प्राप्त प्रतिपुष्टि से पता चलता है कि विषय, चर्चा, प्रस्तुतिकरण, उपकरण आदि से 95 प्रतिशत से ज्यादा प्रतिभागी संतुष्ट रहे।

आयोजक डॉ. श्वेता पाण्डेय ने विषय विशेषज्ञों का परिचय करते हुए बताया कि इन सात दिनों में सात विशेषज्ञों ने शोध के सभी आयामों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज का व्याख्यान शोध की नैतिकता पर आधारित रहा। इसमें शोध के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को प्रतिभागियों को बताया गया।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ मुन्ना तिवारी ने कहा कि कोरोना काल के गंभीर परिस्थिति में जब लोग जिंदगी मौत से जंग लड़ रहे थे। उस दौर में शोध प्रविधि संकाय विकास कार्यक्रम के द्वारा प्रतिभागियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। ये सभी प्रतिभागियों के लिए भविष्य में बहुत लाभ दायक साबित होगी।

कार्यक्रम का संचालन शाश्वत सिंह एवं आभार डॉ. अनुपम व्यास ने किया। इस अवसर पर डॉ. श्वेता पाण्डेय, डॉ यतीन्द्र मिश्रा, डॉ. शुभांगी निगम, डॉ. बीएस मस्तनिया, ई. ब्रजेश लोधी एवं अन्य प्रतिभागी उपस्थित रहे।

Kuldeep Tripathi

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