श्रावण के दूसरे सोमवार पर कहीं कावड़ तो कहीं अभिषेक को शिवालयों में उमड़ी भीड़

हर- हर महादेव के जयघोषों के साथ कावड़ियों की रही धूम,पुलिस व प्रशासन जुटा व्यवस्थाओं में

झांसी। भारत देश को आस्था का देश कहा जाता है। सनातन संस्कृति के अनुसार श्रावण मास सृष्टि के सृजनकर्ता व प्रलयंकारी आशुतोष देवाधिदेव महादेव को अत्यंत प्रिय है। इसी लिए इस पूरे माह और विशेषकर सोमवार को शिवजी की भक्ति का विशेष महत्व है। श्रावण माह के दूसरे सोमवार को महानगर समेत जिले के विभिन्न शिवालयों पर कहीं कावड़ियों की भीड़ लगी रही तो कहीं सनातनी ब्रम्हमुहूर्त से ही अपने भोला बाबा के अभिषेक करने को पंक्तिबद्ध दिखाई दिए। श्रद्धालु अपने शिव शम्भू को मनाने के लिए तरह -तरह के उपाय करते नजर आए।

सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही महानगर के शिवालयों में भोलेनाथ के दर्शनों व उनके जलाभिषेक करने को लोगों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने शिवालयों में पहुंचकर भगवान भूत भावन शंकर जी का दूध, दही,शहद, घृत व अन्य प्रकार से अभिषेक किया। उन्हें बेलपत्र चढ़ाए। भांग,धतूरा और आक का फूल भेंट करते हुए विभिन्न प्रकार के फलों का भी भोग लगाया। इस दौरान ओरछा स्थित बुन्देलखण्ड की जीवन दायनी वेत्रवती गंगा कही जाने वाली वेतवा नदी के कंचना घाट से जल लेकर कावड़िया मऊरानीपुर स्थित केदारेश्वर, व वीरांगना नगरी के सिद्धेश्वर महादेव समेत मढ़िया महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। सभी छोटे बड़े शिवालयों में ॐ नमः शिवाय,हर हर महादेव व बम बम भोले के जयकारों व जय घोष गुंजायमान रहे।

घर घर हुए अभिषेक
वहीं लोगों ने अपने घर पर शिवार्चन करते हुए मृतिका के शिवलिंग निमार्ण भी किए। लोगों ने सोमवार का व्रत रखते हुए घर पर ही भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा अर्चना की। घर घर लोगों ने भोलेनाथ का अभिषेक किया।

इन मंदिरों पर जुटी भीड़
महानगर के प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर,मढ़िया महाकालेश्वर महादेव,दीक्षित बाग स्थित महादेव मंदिर,पानी वाली धर्मशाला पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर, ऐतिहासिक दुर्ग स्थित महादेव मंदिर,नगरा नैनागढ़ स्थित शिव मंदिर,जिले के मऊरानीपुर स्थित केदारेश्वर महादेव मंदिर समेत गांव-गांव व कस्बों में स्थित शिवालयों में भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं।

वर्षो बाद बना विशिष्ट योग
महानगर धर्माचार्य व सिद्धेश्वर मंदिर के महंत हरिओम पाठक ने बताया कि इस बार श्रावण माह में बड़े ही दुर्लभ संजोग बन रहे हैं। एक तो श्रावण माह में 19 वर्ष बाद पुरुषोत्तम मास का संयोग बना। और दूसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या होए के चलते विशिष्ट योग बन रहा है। उन्होंने बताया कि वेदों पुराणों में ऐसा बताया गया है कि घर पर रुद्राभिषेक करने से जो फल मिलता है वही फल किसी विशेष मान्यता वाले मंदिर में करने पर हजार गुना अधिक फल प्राप्त होता है। इसलिए महादेव का अभिषेक अवश्य करें।

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