अभी तो कोरोना नाबालिग है मेरे प्यारे देशवासियों

आप सभी कोरोना के कहर से भली-भांति अवगत होंगे। यह महामारी ना केवल हमारे देश अपितु सम्पूर्ण विश्व में काल बनकर कहर बरसा रही है। हम सभी जानते हैं कि यह कितनी खतरनाक व घातक बीमारी है। लेकिन, हमारे देश की राजनीति भी कहाँ किसी से कम है? इसके निर्णय के आगे Corona कहाँ तक टक्कर देगा?

वैसे तो राजनीति में एक नियम दशकों से चला आ रहा है। जब कोई मुद्दा बड़ा रूप धारण कर ले तो उसे जातिवाद और धर्म के आधार पर विभाजित कर दिया जाता है। पर भाई इस बार तो राजनीति ने सारी हदें ही पार कर दीं।

इस बार मामला कुछ अलग है। यह महामारी नहीं देखती कि आप हो कौन, Corona को कोई मतलब नहीं कि आप हिंदू हैं या मुस्लिम। आप गरीब हैं या अमीर, देहाती हैं या शहरी। तो इस समस्या से निपटने में नेताओं को बहुत मुश्किल हुई।

हालांकि, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ऑफ़ जालौन से पढ़े-लिखे हमारे नेताओं ने इसका भी हल निकाल ही लिया। अबकी बार हमारे नेताओं ने इस महामारी में भी ख्याति पाने का एक नया तरीका खोज ही लिया। इन लोगों ने Corona जैसे खतरनाक वायरस को ही उम्र के अंतराल में विभाजित कर दिया।

आपने बिलकुल सही पढ़ा। राजनीति ने Corona जैसी खतरनाक बीमारी को नाबालिग करार दे दिया है। आप स्वयं विचार कीजिए यदि ऐसा ना होता तो क्या स्कूली परीक्षा रद्द कर चुनाव जारी रखे जाते?

अभी तो कोरोना नाबालिग है

सरकार अपने निर्णय द्वारा संकेत कर बताना चाहती है कि भाई Corona अभी बच्चा है। यदि स्कूल बंद न किये गए तो कोरोना स्कूल तो पहुँच सकता है। लेकिन, उसका चुनावी रैली व चुनावी बूथ पर क्या काम? वह वहां क्यों आएगा? वह तो सवा वर्ष का नाबालिग बालक है।

अभी वह थोड़ी ना 18+ का हुआ है, जो वोट डालने चला जाए। चूंकि वोट डाल नहीं सकता तो रैली में या बूथ पर क्यों जाएगा। इसीलिए तो स्कूल बंद कर दिए पर चुनावी कार्य जोर-शोर के साथ कार्य पथ पर गतिशील रहे।

सभी पार्टियों के गणमान्य नेताओं ने चुनाव में जोर-शोर से हिस्सा लेकर इसका प्रत्यक्ष प्रमाण भी प्रस्तुत कर दिया है। इससे सन्देश निकलकर आता है कि यदि आपको कोरोना से बचना है तो किसी न किसी प्रकार के चुनाव में जुट जाइए। मोहल्ले, गली से लेकर घर-परिवार में भी हर महीने कैसा भी चुनाव करवाते रहिए।

हमें नेता नहीं, स्वास्थ्य चाहिए

भारत के नागरिकों अपनी जिम्मेदारी समझें। Corona नहीं समझता कि कौन चुनाव में वोट डालने आ रहा है और कौन परीक्षा देने। कृपा करके हर प्रकार की भीड़ से बचें और सरकार की वही बातें मानें जो आपके व आपके राष्ट्र के लिए लाभकारी सिद्ध हों।

भगवान ने बुद्धि सिर्फ नेताओं को ही नहीं दी है। थोड़ा जोर लगाएंगे तो याद आएगा कि उतनी ही बुद्धि ऊपरवाले ने आपको भी बख्शी है। इसलिए उसका इस्तेमाल करो और खुद को, परिवार को और समाज को सुरक्षित रखो।

‘हमें नेता नहीं, स्वास्थ्य चुनना है’

उदित उपाध्याय द्वारा लिखित यह लेख जनसेवा एक्सप्रेस पर प्रकाशित किया गया। आप भी हमें अपने लेख हमारी मेल आईडी jansevaexpressnews@gmail.com पर भेज सकते हैं।

One thought on “अभी तो कोरोना नाबालिग है मेरे प्यारे देशवासियों

  • Shandar koshish aise hi article likh kar hum logo ko guide karte rho

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