रघुराज सिंह इण्टर काॅलेज में विनोवा भावे की जयन्ती मनाई गई
झांसी। रघुराज सिंह इण्टर काॅलेज में शनिवार को विनोवा भावे की जयन्ती मनाई गई। कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्कूल अध्यक्षा श्रीमती विजय लक्ष्मी ने व समस्त शिक्षकों ने विनोवा भावे की फोटो पर माल्यार्पण किया व विनोवा भावे के जीवन पर प्रकाश डाला।
विद्यालय की प्रधानाचार्या ने कहा कि विनोबा भावे का मूल नाम विनायक नरहरि भावे था। महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में एक गांव है, गागोदा। यहां के चितपावन ब्राह्मण थे, नरहरि भावे. गणित के प्रेमी और वैज्ञानिक सूझबूझ वाले। रसायन विज्ञान में उनकी रुचि थी। उन दिनों रंगों को बाहर से आयात करना पड़ता था। नरहरि भावे रात-दिन रंगों की खोज में लगे रहते. बस एक धुन थी उनकी कि भारत को इस मामले में आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
विद्यालय के ज्वाइंट डायेक्टर अजय सिंह ने बताया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उनका मूल नाम विनायक नारहरी भावे था। उन्हे भारत का राष्ट्रीय आध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यातमिक उत्तराधीकारी समझा जाता है। उन्होने अपने जीवन के आखरी वर्ष पोनार, महाराष्ट्र के आश्रम में गुजारे। उन्होंने भूदान आन्दोलन चलाया। इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को श्अनुशासन पर्वश् कहने के कारण वे विवाद में भी थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ज्ञानप्रकाश दुबे, आदित्य शेखर, मो. नईम मंसूरी, राजकुमार विश्वकर्मा, नरेश यादव, विकास साहू, सूर्यप्रताप सिंह, रामनारायण कुशवाहा, भोलेशंकर, शशिप्रभा शिवहरे, सुल्तान अहमद, आनन्द अवस्थी, कु.मेघा, स्वाती शर्मा, आरती शर्मा, अंजली पटैरिया, प्रियंका वर्मा, शिवानी सोनी, रचना मिश्रा, अर्चना शर्मा, श्वेता खरे, शीतल वर्मा, रिचा साहू, प्रशान्त यादव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। सभा का संचालन कीर्ति पटैरिया ने किया एंव नीतू सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।