आरबीएसके के तहत कटे होठ व तालु वाले लोगों का शिविर लगा किया जायेगा परीक्षण व उपचार
झांसी। जिला अस्पताल में आगामी 10 अगस्त को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत क्लेफ्ट लिप व क्लेफ्ट पैलेट (कटे होंठ एवं कटे तालू) लोगों का शिविर लगाकर परीक्षण किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जीके निगम ने बताया कि कानपुर स्थित स्माइल ट्रेन संस्था द्वारा जिला अस्पताल में कैंप आयोजित किया जाएगा। कैम्प में कटे होंठ व कटे तालु वालों का परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण के बाद जिन को सर्जरी की आवश्यकता होगी उनकी आरबीएसके के अंतर्गत मुफ्त सर्जरी कानपुर में ही कराई जाएगी।
शिविर की जानकारी देते हुए आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर डा. रामबाबू कुमार ने बताया कि किसी भी उम्र के लोग जिनके जन्म से तालू और होंठ कटे हुए हैं वह अपना पंजीकरण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में करा सकते हैं। इसके लिए वह मोबाइल संख्या 6394699329 पर भी संपर्क करके पंजीकरण करा सकते है।
डा. रामबाबू ने जानकारी देते हुए बताया कि कटे हांेठ एक जन्मजात विकृति है। यह गर्भवस्था के शुरुवाती 3 महीनों में होता है। गर्भ में पहले होंठ बनते हैं फिर तालू और मुंह में इसी दौरान टिश्यू और सैल सही से नहीं बन पाने पर कटे होंठ या तालू की स्थिति पैदा होती है। कटे होठों का मुख्य कारण अनुवांशिक भी होता है। वर्ष 2013 से अब तक ऐसे लगभग 80 बच्चों की सर्जरी हो चुकी है। इस तरह की सर्जरी में लगभग 30 से 40 हजार रुपये का खर्चा आता है। बन पाने पर कटे होंठ या तालू की स्थिति पैदा होती है। कटे होठों का मुख्य कारण अनुवांशिक भी होता है।
क्या है आरबीएसके
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम शून्य से 19 साल तक के बच्चो के इलाज के लिए काम करता है। 4 डी यानी चार तरह के विकार (डिफेक्ट) सहित कुल 40 बीमारियो के लिए परामर्श के साथ इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाता है। इसमें ह्र्दय रोग, बहरापन, मोतियाबिंद, कटे होठ-तालू, मुडे पैर, एनीमिया, दांत टेडे मेढे होना, बिहैवियर डिसआर्डर, लर्निंग डिसआर्डर, डाउन सिंड्रोम, हाइड्रो सिफलिस, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट आदि बीमारियां प्रमुख हैं। आरबीएसके इन बीमारियो से चिन्हित बच्चो का निःशुल्क इलाज, आपरेशन प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज व उच्चतम इलाज के लिए लखनऊ, कानपुर और अलीगढ़ में कराता है।