पत्रकारों पर लिखे फर्जी मुकदमें की हो निष्पक्ष जांच, बिना जांच दर्ज न हो मुकदमें : उपजा

मुख्यमंत्री के सलाहकार को उपजा ने सौंपा ज्ञापन

झांसी। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पूर्व जांच करने के निर्देश दिए थे। इसके बाबजूद भी जनपद में पुलिस प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री के आदेशों को धता बताकर पत्रकारों के विरुद्ध बिना जांच पड़ताल के मुकदमें दर्ज किए जा रहे है। इसको लेकर यू.पी. जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) झांसी ईकाई की जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पदाधिकारियों व सदस्यों ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल होने आये पूर्व चेयरमैन यू.जी.सी. एवं सलाहकार मुख्यमंत्री उ.प्र. प्रो. डीपी सिंह को ज्ञापन सौंपा।

 

जिलाध्यक्ष सोनिया पांडे के नेतृत्व में पदाधिकारियों व सदस्यों ने दिए ज्ञापन में बताया कि यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) पत्रकार हितों के लिए स्वतंत्रता के बाद से आवाज उठाती आई है। पत्रकार का कार्य मुखर होकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के साथ ही स्थानीय समस्याओं को उजागर करने व प्रशासन समेत राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करने वालों की करतूतों को उजागर करते हुए आईना दिखाए। ताकि शासन की मंशा को पलीता लगाकर छवि को धूमिल करने वालों को उजागर किया जा सके। इसके लिए मुख्यमंत्री ने भी पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पूर्व जांच करने के निर्देश दिए थे।

बाबजूद इसके पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री के आदेशों को धता बताकर पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो रहे है। हाल ही में जिले की तहसील मऊरानीपुर के एक पत्रकार द्वारा स्थानीय विधायक के देवर के खिलाफ कई खबरों का प्रकाशन किया गया। इस पर पत्रकार के खिलाफ ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। जबकि कई ऐसे भी लोग हैं जिन पर मुकदमे दर्ज होने के बाद भी पुलिस व प्रशासन का खुला संरक्षण प्राप्त होता है। ऐसे लोगों की भी जांच होना आवश्यक है। ताकि शासन की छवि को धूमिल होने से बचाया जा सके। पूर्व चेयरमैन यू.जी.सी. एवं सलाहकार मुख्यमंत्री उ.प्र. प्रो. डीपी सिंह से उपजा ने मांग करते हुए कहा कि जनहित में पत्रकारों पर दर्ज हुए मुकदमे की निष्पक्ष जांच कराते हुए बिना जांच के मुकदमा दर्ज करने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाए। साथ ही पुलिस को गुमराह कर झूठे मुकदमे दर्ज कराने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाए। ताकि भारतीय दंड संहिता के दुरुपयोग व मजाक बनने से बचाया जा सके। इस दौरान प्रदेश मंत्री महेश पटेरिया, महामंत्री दीपक जौहरी, संगठन मंत्री राजेश चौरसिया, कोषाध्यक्ष प्रभात सक्सेना, मंत्री सचिन श्रीवास्तव, वैभव सिंह, मीडिया प्रभारी रोहित झा, बबलू रमैया आदि मौजूद रहे।

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