जनपद में पाइप पेयजल योजना से कोई भी गांव छूटने न पाए : डीएम
नगर को प्राप्त पेयजल की शत प्रतिशत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश, कार्यो की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी
झांसी। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने विकास भवन सभागार में जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा कि पेयजल से जुड़ी परियोजनाओं एवं कार्यो को किसी भी स्तर पर लम्बित न रखा जाये। उन्होने कहा कि जनपद में किसी भी क्षेत्र में पेयजल समस्या नही होनी चाहिए, यदि कोई समस्या होती है तो संबंधी की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी। पाइप पेयजल योजना से जनपद का कोई भी गांव छूटने न पाए सभी गांवों को आच्छादित किया जाए। जल संस्थान द्वारा जो भी व्यवस्था की जानी है उसे समय से पूरा कर लिया जाये।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद के ऐसे ग्रामों/ग्राम पंचायतों जो पाईप पेयजल योजनाओं से आच्छादित नहीं हो पाये हैं, उनमें या जो जल जीवन मिशन अथवा पूर्व में संचालित पेयजल परियोजनाओं में रेट्राफिटिंग की कार्यवाही कराते हुए पाईप पेयजल योजनाओं से आच्छाछित किया जाए। उन्होंने अधिशासी अभियन्ता, खण्ड कार्यालय, उ.प्र. जल निगम, ग्रामीण को निर्देश दिए कि वे जल जीवन मिशन एवं अन्य पूर्व में संचालित पाईप पेयजल परियोजनाओं की रेट्रोफीटिंग से सम्बन्धित ग्रामों /ग्राम पंचायतों की विकास खण्डवार सूची तैयार कर सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को उपलब्ध करायें। सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी उपरोक्त सूची के आधार पर 03 दिवस में यह सत्यापन कर लें कि विकास खण्ड अन्तर्गत समस्त ग्राम किसी न किसी पाईप पेयजल योजनाओं से आच्छादित हो चुके हैं। सत्यापन उपरान्त समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं अधिशासी अभियन्ता, खण्ड कार्यालय, उ.प्र.जल निगम, ग्रामीण एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। उन्होंने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत डाली जा रही पाईप लाइन के कारण क्षतिग्रस्त मार्ग/रास्तों के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि पाईप लाइन डालने के उपरान्त सम्बन्धी निर्माणकर्ता कम्पनी द्वारा पाईप लाइन की प्रेशर टेस्टिंग करके मार्ग/रास्ता को 15 दिवस में ठीक करवा दिया जाए, ताकि इसके कारण आम जनमानस को परेशानी न होने पाए। उन्होंने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में इसकी जांच करवा लें एवं यदि पाया जाता कि कोई मार्ग/रास्ता पाईप लाईन डालने के 15 दिवस के उपरान्त भी क्षतिग्रस्त तो नहीं हैं, और यदि नोटिस देने के उपरान्त भी सम्बन्धित निर्माणकर्ता कम्पनी द्वारा मार्ग को ठीक नहीं कराया जा रहा है, तो उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाए। बैठक में अमृत एवं स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत जल निगम फेज़-1 और फेज़-2 में नगरीय क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए ओवरहेड टैंक तथा पाइप पेयजल आपूर्ति का कार्य कर रहा है। उन्होने कार्य पर असंतोष व्यक्त किया । उन्होंने जल निगम द्वारा स्मार्ट सिटी में अमृत योजना अंतर्गत कराए जा रहे फेज़-2 के कार्यो की धीमी प्रगति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। अमृत एवं स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत कराए जाने वाले सीडब्ल्यूआर, ओवरहेड टैंक, वितरण प्रणाली के संयोजन तथा वाटर मीटर, फीडम मेन तथा राइजिंग मेन सहित अन्य कारों की प्रगति अपेक्षाकृत बेहद धीमी पर उन्होंने तत्काल प्रगति लाए जाने के निर्देश देते हुए पुनः समीक्षा करने के निर्देश दिए।उन्होंने एक-एक परियोजना की समीक्षा करते हुए संबंधित कार्य दायी संस्था को निर्देशित किया कि माह अक्टूबर-नवंबर 2022 तक क्षेत्र में ऐसी परियोजना जो मेन पावर बढ़ाते हुए जल्द पूर्ण की जा सकती है, उसे पूर्ण करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में पाईप द्वारा पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करें।