मानसून ने दी दस्तक, झमाझम हुई बारिश

गर्मी से मिली राहत,किसानों व बच्चों के चेहरे खिले

झांसी। लम्बे समय तक प्रतीक्षा के बाद रविवार की सुबह मानसून ने अन्ततः दस्तक दे ही दी। देर रात से छाए घनघोर बादलों ने रात में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में कहीं तेज तो कहीं बूंदाबांदी के साथ बरसने के बाद सुबह से ही महानगर में भी दस्तक दे दी। झमाझम बारिस से जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत मिली तो दूसरी ओर काफी समय की प्रतीक्षा के बाद हुई बारिस से किसानों के चेहरे खिल उठे। जबकि स्मार्ट सिटी की स्मार्टनेस महच चंद मिनटों की बारिस में धुलती नजर आई। कुछ ही समय की बारिस ने नगर में जगह-जगह जल भराव कर दिया। तो इस जल भराव का आनन्द उठाते हुए बच्चे उसमें कागज की नाव भी तैराते दिखे।

बरसात के चार महीनों में से एक माह पूरा होने को आ गया है। लेकिन बारिस होने का नाम नहीं ले रही थी। रविवार की सुबह महानगर में झमाझम बारिस की शुरुआत हो गई। इसके चलते गली मोहल्लों में नालों ने अफरा तफरी मचा दी। करीब एक घंटे से हो रही तेज व धीमी बारिस ने स्मार्टसिटी के दावों की पोल खोल दी। सड़कों पर पानी भर गया। रिहायशी क्षेत्रों में भी सड़कों पर पानी देखा गया। जबकि बच्चों ने बारिस का पूरा लुफ्त उठाते हुए कागज की नाव चलाना नहीं छोड़ा। नगर के वैभव सिंह की 6 वर्षीय पुत्री उर्जा पानी में नहाते हुए नाव चलाते दिखाई दी। झमाझम बारिस से मौसम सुहाना हो गया। लोगों ने उमस भरी गर्मी से राहत की सांस ली है। मौसम विभाग की ओर से ऐसा बताया जा रहा है कि यह बारिस आगामी 21 जुलाई तक होती रहेगी। हालांकि बीते रोज मौसम विभाग की भारी बारिस की भविष्यवाणी में बुन्देलखण्ड के झांसी का नाम शामिल नहीं था।

ग्रामीण अंचल में कुछ गांवों में देर रात जोरदार बारिस ने खेतों को लबालब भर दिया तो कहीं किसानों को बूंदाबांदी से ही संतोष जाहिर करना पड़ा। गुरसरांय क्षेत्र के पुरैनिया गांव में रहने वाले बुन्देलखण्ड किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पप्पू पुरैनिया ने बताया कि बढ़वार,बृसिंहपुरा आदि कुछ गांवों में जमकर बारिस हुई है। जबकि गुरसरांय क्षेत्र के गांवों में महज बूंदाबांदी ही हुई है।

किसान जयप्रकाश पाठक ने बताया कि बढ़वार गांव मंे देर रात करीब दो घंटे तक बारिस हुई है। उन्होंने बताया कि लम्बे समय से पानी न बरसने से मूंगफली,उर्द,सोयाबीन,तिल व मूंग आदि फसलों के हालात बद से बदतर हो रहे थे। पानी ने उन्हें नया जीवन दिया है।

किसान अर्पित शर्मा ने बताया कि देर रात करीब 2 बजे मऊरानीपुर तहसील के ग्राम महेवा,किशोरपुरा,दुगारा,टोढ़ी फतेहपुर आदि करीब आधा दर्जन गांवों में बारिस हुई है। इससे खासतौर पर मूंगफली को नया जीवन मिला है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि पानी न बरसने से मूंगफली मंे दीमक लगना शुरु हो गया था और करीब 20 प्रतिशत नुकसान पहले ही हो चुका है।

इस मामले में किसान रक्षा पार्टी के अध्यक्ष गौरी शंकर बिदुआ ने बताया कि पहली बुबाई की पूरी फसल पहले ही भीषण गर्मी की तपिश में झुलसकर बर्बाद हो गई थी। जबकि दूसरी बुबाई जो जुलाई के पहले सप्ताह में हुई है उसमें से करीब 20 प्रतिशत ही रह गई थी। मानसून की पहली बारिस से उसमें नई जान तो आई है लेकिन यदि बारिस आगे न हुई तो भगवान ही मालिक है। फिलहाल वारिस न हुई तो अन्नदाता जहां का तहां संकट में ही खड़ा रहेगा।

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