झांसी : कुछ यूं रहा सूर्यग्रहण का प्रभाव, सड़कों पर पसरा रहा सन्नाटा
मंदिरों के कपाट रहे बंद ,लोगों ने घरों पर किया पूजा पाठ
झांसी। वर्ष 2022 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को झांसी में आंशिक रूप से दिखाई दिया। इस दौरान महानगर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा नजर आया। सामान्यतः ज्योतिष और मान्यताओं के अनुसार ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। इसलिए ग्रहण की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य और पूजा-पाठ को वर्जित रहा। इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद रहे। लोग अपने अपने घरों में रहे और पूजा पाठ व हरि संकीर्तन में अपना समय लगाया।
ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की शुभता में कमी आती है और इस कारण ग्रहण के दौरान कई नियमों को मानना अनिवार्य हो जाता है। झांसी में ग्रहण की अवधि कुल 77 मिनट की रही। ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज थापक के अनुसार सूर्य ग्रहण शाम 4.40 बजे प्रारंभ हुआ और शाम 5.57 बजे यह समाप्त हुआ। हालांकि कुछ धर्माचार्य इसे शाम 6 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होना बताया। इस पूरी अवधि में सभी मंदिरों के कपाट बंद रहे। ग्रहण के कारण अन्नकूट और गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। भाई दोज भी 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी।