नवमीं पर श्रद्धालुओं ने निकाले जवारे,जयकारों से गूंजे दुर्गा मंदिर

झांसी। नवरात्रि की नौंवे दिन महानवमी के अवसर पर गुरूवार को वीरांगना नगरी में दुर्गा मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। मां के जयकारों और सांचे दरबार के जयकारों से से माता के मंदिर गुंजायमान होते रहे। शाम के समय श्रद्धालु महिलाओं ने जवारे भी निकले और मंदिरों पर खप्पर चढ़ाए।

बुंदेलखंड में नवरात्रि पर जवारे बोने की प्रथा पुरातन काल से चली आ रही है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दिन कलश स्थापना के साथ जवारे बोए जाते है। कलश स्थापित करके इसमें जौ बोने को लेकर लोगों का मानना है कि इससे आपके आने वाले समय का निर्धारण होता है। इस दौरान बोई जौ तेजी से बढ़ती है,तो कुछ मुरझा जाती है।

जौ को लेकर ये हैं मान्यताएं
कहा जाता है कि अगर बोए हुए जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा है तो इसका मतलब यह है कि आपके आने वाले साल का आधा समय ठीक नहीं रहेगा, लेकिन बाद में सब ठीक हो जाएगा।
यदि जौ नीचे से आधा हरा है और ऊपर से आधा पीला तो इसका मतलब यह है कि आपके साल का शुरूआती समय ठीक से बीतेगा, लेकिन बाद में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

वहीं अगर आपका बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में उग रहा है तो यह बहुत ही शुभ संकेत है। ऐसा अगर होता है तो मान लीजिए कि आपकी पूजा सफल हो गई। आने वाला समय खुशियों से भरा होगा।
अगर आपका बोया जौ अशुभ संकेत दे तो आप मां दुर्गा से अपने कष्टों और परेशानियों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें। नवरात्रि की दसवीं तिथि को नवग्रह के नाम से 108 बार हवन में आहुति दें।

देवी को समर्पित किए जाते हैं जवारे
नौ दिन की सेवा के बाद उगए पौधे जवारों को महिलाएं सिर पर रखकर माता के मंदिर में लाती हैं और यहां देवी के समक्ष पौधे के कुछ हिस्से को तोड़कर उन्हें देवी मां को समर्पित करते हुए उनकी पूजा की जाती है। यहां गांवों में यह प्रथा है कि जवारों के पात्रों को मां के चरणों में अर्पित करने के बाद लड़कियां पात्रों को खोंटकर जवारे प्रसाद के रूप् में अपने परिजन और गांव के अन्य लोगों को वितरित करती है। लोग बदले में कन्या रूपी देवियों के चरण स्पर्श करते हैं। इस क्षेत्र में जवारों का रोपण बहुत शुभ परंपरा के रूप में देखा जाता है।

चाक चैबंद रही व्यवस्था
लोग आज भी जवारे लेकर महानगर के प्रसिद्ध मंदिरों में पहुंचे और इस दौरान व्यवस्थाएं चाक चैबंद बनाये रखने के लिए पुलिस और मंदिर प्रशासन दोनों की ही ओर से व्यापक इंतजाम किये गये। मंदिर के अंदर कतारबद्ध होकर देवी के दर्शनो की व्यवस्था की गयी। महिला एवं पुरूष पुलिसकर्मी पूरी मुस्तैदी से मंदिर के बाहर तथा अंदर व्यवस्थाएं बनाये रखने का प्रयास करते नजर आये।

इन मंदिरों पर रही भीड़
महानगर में प्रसिद्ध पचकुईंया मंदिर पर सुबह से ही भक्तों को जमावड़ा होने लगा। हर भक्त के मन में केवल मां के दर्शन और यथासंभव प्रसाद चढ़ाने की लालसा साफ दिखायी देती है। काफी समय बाद मंदिरों के द्वार से काफी दूर तक भक्त लाइनों में खड़े अपनी बारी का इंतजार करते दिखायी दिये। महानगर के प्रसिद्ध माता मंदिरों लहर की देवी, कैमासन माता, मैमासन माता,करौंदी माता, कालियन मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें लगी रही।

कल भी निकलेंगे जवारे
ग्रामीण अंचल में कल भी जवारे निकाले जाएंगे। हालांकि महानगर में आज भी जवारे निकाले गए।

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