खुले खाद्य तेल की बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबंधित, 700 किग्रा खुला खाद्य तेल जप्त

जिले में 01 से 14 अगस्त तक जारी रहेगा अभियान

 खाद्य तेलों के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे

झांसी। शासन द्वारा खुले खाद्य तेल की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ के निर्देश एवं जिलाधिकारी के आदेशानुसार सुभाष गंज स्थित प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्यवाही करते हुये 03 खाद्य तेलो 02 सरसों के तेल एवं 01 सोयाबीन रिफाइण्ड ऑयल के नमूने संग्रहीत कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गये। रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरान्त विधिक कार्यवाही की जायेगी तथा ड्रम में रखे हुये लगभग 700 किग्रा खुला खाद्य तेल को जब्त करते हुए विक्रेताओं को नोटिस जारी किया गया। यह अभियान 01 से 14 अगस्त तक जारी रहेगा।

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में खाद्य तेल में मिलावट की सख्ती से रोकथाम की जाए, ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा का पता लगाने, लेबलिंग प्रावधान और मल्टी सोर्स एडिबल ऑयल व वेजीटेबल आयल में समस्त मानकों पर ट्रांस फेटी एसिड की मात्रा की जांच किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खुले तेलों की बिक्री को प्रत्येक दशा में जनपद में रोका जाए। सहायक आयुक्त खाद्य/ अभिहित अधिकारी चितरंजन कुमार ने बताया कि माह जुलाई 2022 में न्यायालय द्वारा कुल 23 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें विभिन्न व्यापारियों व खाद्य विक्रेताओं पर कुल 5 लाख 98 हजार का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। जिसमें बेकरी उत्पाद के 02 वादों में कुल 60 हजार का अर्थदण्ड दूध एवं दुग्ध पदार्थों मिठाई, खोया के कुल 11 वादो में कुल 1 लाख 70 हजार का अर्थदण्ड, मसाले के एक वाद में कुल 1 लाख 50 हजार तथा अन्य खाद्य पदार्थों के 9 वादों में कुल 1 लाख 38 हजार का अर्थदण्ड एवं 01 बिना पंजीकरण / लाइसेंस पाये जाने पर कुल 25 हजार का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिये खाद्य लाइसेंस व पंजीकरण से आच्छादित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिसमे ऑनलाइन स्वयं आवेदन कर सकते हैं।

ऐसे व्यापारी जिनका खाद्य व्यवसाय का टर्नओवर 12 लाख रूपये प्रति वर्ष से कम होने पर पंजीकरण के लिए निर्धारित शुल्क 100 रुपये प्रति वर्ष तथा खाद्य व्यवसाय का टर्नओवर 12 लाख रूपये प्रति वर्ष से अधिक होने पर लाइसेंस के लिए निर्धारित शुल्क 2000 रुपये प्रति वर्ष है। सभी खाद्य व्यवसायी द्वारा खाद्य लाइसेंस व पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य है। खाद्य लाइसेंस व पंजीकरण के बिना व्यवसाय किए जाने पर एफएसएस एक्ट 2006 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जायेगी। जिसमें 06 माह तक कारावास तथा 5 लाख रुपये तक जुर्माने का प्राविधान है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की छापामार कार्यवाही में खाद्य सुरक्षा अधिकारी विनोद कुमार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी विजय बहादुर पटेल सहित अन्य कर्मचारी व व्यापारी उपस्थित रहे।

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