कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होंगे तैयार
बोले मंडलायुक्त, ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तस्वीर बदलना जरूरी
झाँसी : कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका के चलते मण्डल के जनपदों में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक है। शासन स्तर से लगातार निर्देश प्राप्त हो रहे हैं कि इन चिकित्सा इकाईयों को पूर्णतः क्रियाशील किया जाए। यदि किसी स्तर पर संसाधनों की आवश्यकता है तो कार्यवाही की जाए। यह कहना है मंडलायुक्त अजय शंकर पांडे का।
उन्होंने मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रशासनिक स्तर से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग केन्द्रों पर उपकरणों, औषधियों का पुख्ता इंतजाम हो। कोरोना की तीसरी लहर से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की तस्वीर बदलना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सालय परिसर सभी भवनों की मरम्मत अनुरक्षण एवं रंगाई पुताई का कार्य कराया जाए। एम्बुलेन्स व अन्य वाहनों के सुगम आवागमन के लिए मुख्य मार्गों से स्वास्थ्य केन्द्रों को जोड़ा जाए। बरसात के दौरान परिसर की साफ-सफाई हेतु अन्य विभागों के सफाई कर्मियों को लगाया जाए। चिकित्सालय की आंतरिक एवं बाह्य परिसर की समुचित प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। चिकित्सालय के लिए उनके स्तर के आवश्यक उपकरणों व औषधि की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी विभाग के अन्य जनपदीय अधिकारियों को भेजकर एक सर्वे करा लें तथा आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात मानव संसाधन को कोविड की तीसरी लहर के दृष्टिगत आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।
कमिश्नर ने कहा है कि प्रत्येक दिशा में सभी पीएचसी को पूर्णत क्रियायाशील रखा जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को उनके नजदीकी चिकित्सालयों में उपचार मिल सके। इस कार्य के लिए जनपद स्तर पर बेहतर समन्यवय एवं मानिटरिंग के लिए मुख्य विकास अधिकारी उत्तरदायी होंगे। मण्डल स्तर पर पीएचसी की क्रियाशीलता के संबंध में 15 दिन बाद समीक्षा हेतु अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. अल्पना बरतारिया एवं मण्डलीय परियोजना प्रबंधक आनंद चौबे को दायित्व सौंपा गया है।