मलेरिया-डेंगू के खिलाफ जंग में जन प्रतिनिधि होंगे एम्बेसडर
मण्डलायुक्त ने कहा कि अंतर विभागीय समन्वय से करें कार्य
झाँसी : मानसून के आते ही मच्छरों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। ऐसे में मच्छर जनित रोगों जैसे मलेरिया-डेंगू जैसी अनेक वेक्टर एवं जल जनित बीमारियां फैलना शुरू हो जाती हैं। इन बीमारियों से निपटने के लिए मंडलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय ने संबंधित विभागों को समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तर से शनिवार को भी वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के बाद आगामी जुलाई से शुरू होने वाले संचारी रोग और दस्तक अभियान के बारे में मण्डलायुक्त ने कहा कि संबंध में जन जागरूकता लाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि जैसे-वार्ड मेम्बर, ग्राम प्रधान को इस अभियान का एम्बेसडर बनाया जाये। साथ ही उन्होंने तीनों जनपद के जिलाधिकारियों को विभागों से आपसी समन्वय स्थापित कराने को कहा।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों से अपेक्षा करते हुए कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संचारी रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जनपद, ब्लॉक एवं पंचायत/ग्राम स्तरों पर नोडल विभाग का कार्य करेगा। मुख्य रूप से पंचायती राज विभाग, नगर विकास विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, शिक्षा विभाग एवं पशुपालन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इन विभागों के साथ कार्य योजना का निर्माण एवं समन्यवय मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा किया जायेगा।
नगर विकास विभाग- मोहल्ला निगरानी समितियों के माध्यम से कोविड तथा संचारी रोगों के विषय में निरंतर जागरूकता बनाये रखने तथा कोविड-19 के लक्षण युक्त व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराने में सहयोग करेगा। खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था, नालियों/कचरों की सफाई करवाना, खुले में शौच से मुक्त करना इस विभाग के महत्वपूर्ण दायित्व होंगे।
पंचायती राज विभाग/ग्राम्य विकास विभाग- ग्राम प्रधान अपने क्षेत्र की निगरानी समितियों के माध्यम से कोविड-19 तथा संचारी रोगों के विषयों में जागरूकता का कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त, विभाग के क्षेत्र स्तरीय कार्यकर्ता ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जनजागरण करेंगे। पेयजल स्त्रोतों/संसाधनों से शौचालय की दूरी के उपाय, शौचालयों/सीवर से पेयजल प्रदूषित न होने के लिए आवश्यक उपाय करेंगे। जलाशय एवं नालियों की नियमित सफाई, मनरेगा फण्ड से एण्टीलार्वल छिड़काव, मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए गड्डों का भराव कराये। ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्थलों पर कूड़ेदानों की व्यवस्था सुनिश्चित कि जाएगी।
पशुपालन विभाग- सुअर पालकों को अन्य व्यवसाय अपनाने के लिए प्रेरित करना तथा सुअर पालन स्थल पर वेक्टर नियंत्रण/सीरो सर्विलेन्स की व्यवस्था करना।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग- कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों की सूची बनाकर पोषाहार की उपलब्धता सुनिश्चित कराना तथा आवश्यक होने पर पोषण पुनर्वास केन्द्र (एन.आर.सी.) में उपचार कराना।
शिक्षा विभाग- अभिवाभक-शिक्षकों का व्हाटसएप ग्रुप बनाकर कोविड-19 व अन्य संचारी रोगों से बचाव, रोकथाम एवं उपचार हेतु संवेदीकरण किया जाये। स्कूल खुलने पर नियमित रूप से प्रार्थना के दौरान संक्रामक बीमारियों से बचाव के उपायों के प्रति बच्चों को सजग बनाना।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि वे अन्तरविभागीय समन्वय के लिए एक बैठक करेंगे, जिसमें अभियान के क्रियान्वयन की रणनीति तैयार की जायेगी। आयुक्त ने अपील की है कि जन स्वास्थ्य की दृष्टि से यह अभियान आम जनमानस को बीमारियों से बचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।