मंडल के 409 बच्चों के उपचार के लिए डीएम होंगे जिम्मेदार
बोले मण्डलायुक्त, जन्मजात बीमारियों के चिन्हित बच्चों के उपचार में बिलम्ब ठीक नहीं
झाँसी : कोविड महामारी के बीच राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए चिन्हित 409 बच्चों के जल्द से जल्द उपचार के लिए मंडलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय ने निर्देश दिये।
जिलाधिकारियों की बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि सभी जिलाधिकारी कोविड से इतर अन्य स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों की अपने स्तर से नियमित समीक्षा करें। कोविड के कारण स्वास्थ्य संबंधी अनेक कार्यक्रम पीछे चले गए हैं। उनको मुख्य धारा में लाकर उनकी उपलब्धि में सुधार आवश्यक है। इसके लिए सभी का प्रयास महत्वपूर्ण है।
आरबीएसके की समीक्षा के दौरान पाया कि मंडल के तीनों जिलों के कुल 409 बच्चे ऐसे हैं, जिनकी सर्जरी पेंडिंग है। इसमें सबसे ज्यादा 109 बच्चे कंजनाइटल कैटरेक्ट यानी जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रसित है। मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी झाँसी आन्द्रा वामसी को दायित्व सौंपा कि वह महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के साथ बैठक करके एक रणनीति बना लें और तीनों जिलों को सूचित कर दें। मेडिकल कॉलेज में जिन बच्चों की सर्जरी होनी है, उसमें बिलम्ब न हो।
बैठक में मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनन्द चौबे के बताया कि जन्मजात मोतियाबिंद के अलावा होंठ व तालु कटे 36 बच्चों को कानपुर स्माइल ट्रेन से संपर्क स्थापित करके सर्जरी कराई जा सकती है। वहीं क्लब फुट यानि पैर मुड़े बच्चों का उपचार झाँसी जिला अस्पताल में हो रहा है तो बाकी के जिले जैसे जालौन के 13 और ललितपुर के 18 ऐसे बच्चों को झाँसी जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज झाँसी में उपचार के लिए भेजा जा सकता है।
मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि हर महीने 100 बच्चों की सर्जरी प्लान की जाए। चिन्हित बच्चों में ज्यादातर बच्चों का उपचार झाँसी मेडिकल कॉलेज में सम्भव है। इसलिए मेडिकल में एक विशेष शिविर का आयोजन कर बच्चों को जल्द से जल्द उपचार दिलाया जाए। इसके लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी बनाया जाए। साथ ही मेडिकल कॉलेज में भी नोडल अधिकारी बनाया जाए। इसके लिए मेडिकल कॉलेज के सीएमएस को प्रभारी बनाया गया है।
हृदय संबंधी समस्या वाले बच्चों की सर्जरी यहां संभव नहीं है। इनके लिए मंडलायुक्त अलीगढ़ के कमिश्नर से वार्ता करेंगे। बैठक में जिलाधिकारी झाँसी आन्द्रा वामसी, ए. दिनेश कुमार ललितपुर व प्रियंका निरंजन जालौन उपस्थित रहीं।