प्रकृति के परिवर्तन व सात्विक विचारों का शुभारंभ नवसंवत्सर : मुकुल पस्तोर

छावनी व दुर्ग नगर स्वयंसेवकों ने घोष की थाप पर निकाला गया पथ संचलन

झांसी। बुधवार को छावनी नगर व दुर्ग नगर के स्वयंसेवकों द्वारा घोष की थाप पर अनुशासित ढंग से पथ संचलन निकाला गया। स्वयंसेवकों का पथ संचलन के दौरान जगह समाज के लोगों द्वारा पुष्प वर्षाकर स्वागत किया गया। छावनी नगर में मुख्य वक्ता के रूप में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए महानगर कार्यवाहक मुकुल पश्तोर ने नव वर्ष प्रतिपदा का सांस्कृतिक व वैज्ञानिक महत्व समझाया। तो दुर्ग नगर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता जयसिंह सेंगर ने संघ संस्थापक के विचारों के साथ उनके संघर्षों पर प्रकाश डाला।

छावनी नगर में मुख्य वक्ता ने बताया कि काल की गणना और सृष्टि के प्रथम दिवस के रूप में सनातन संस्कृति के नव संवत्सर को मनाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अभिषेक का दिवस और युधिष्ठिर के अभिषेक का दिवस भी यही है। युधिष्ठिर के अभिषेक के दिवस से युगाब्द का शुभारंभ हुआ।

उन्होंने बताया कि प्रकृति का परिवर्तन और सात्विक विचारों के साथ नव संवत्सर की शुरुआत होती है। हिन्दू नववर्ष के आगमन पर प्रकृति का स्वरूप परिवर्तित होने लगता है। ऐसा अन्य नववर्ष की गणना में नहीं है। जो पूर्णतः सांस्कृतिक व वैज्ञानिक है। उनके साथ मंच पर महानगर संघ चालक सतीश शरण अग्रवाल व छावनी नगर के संघ चालक सुरेंद्र खंडेलवाल भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में शारीरिक प्रमुख राहुल रमाकांत त्रिपाठी, व रमाकांत आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

वहीं दुर्ग नगर के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता सह महानगर संघचालक जयसिंह सेंगर ने संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार के विचारों से अवगत कराते हुए संघ की स्थापना से लेकर आज उसे जन-जन तक पहुंचाने की पूरी यात्रा का वृतांत सुनाया। साथ ही उन्होंने बताया कि समाज के हर वर्ग को लेकर समरसता का भाव सबके अंदर उत्पन्न करना ही संघ का कार्य है। संघ जोड़ता है तोड़ता नहीं। समाज के हर क्षेत्र में संघ कार्य कर रहा है।

 

इस अवसर पर उनके साथ मंच पर नगर संघ चालक ओम प्रकाश साहू उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अंकित वासुदेव आदि स्वयंसेवकों का विशेष योगदान रहा।

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