मातृ मृत्यु दर को कम करने की एक और पहल, 24 को फर्स्ट रेफरल यूनिट में होगा आयोजन

मिशन निदेशक ने सीएमओ को जारी किया पत्र

झांसी। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए एक और पहल की गई है। अब हर माह की 24 तारीख को भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए ) दिवस मनाया जाएगा। इसके तहत स्वास्थ्य महकमा उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिन्हित करेगा। इन महिलाओं को जांच और इलाज में प्राथमिकता देने के साथ ही उनके लिए उपचार के विशेष प्रबंध भी किए जाएंगे। इसके पूर्व पीएमएसएमए दिवस प्रत्येक माह की नौ तारीख को मनाया जा रहा था। अब इसे विस्तारित किया गया है।

 

राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक ऋषि राज सिंह ने बताया कि विभिन्न कारणों से जोखिम गर्भावस्था मातृ-शिशु की मृत्यु का कारण बनती हैं। प्रसव पूर्व छोटी-बड़ी कई कमियों का सामने नहीं आ पाना इसकी प्रमुख वजह है। गर्भवती को उच्च रक्तचाप, गंभीर रक्ताल्पता, मधुमेह, दिल की बीमारी, क्षयरोग, मलेरिया आदि की स्थिति में जोखिम बना रहता है। स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य ऐसी महिलाओं को प्रसव पूर्व ही चिन्हित कर उपचार करना होगा जिससे कि प्रसव के दौरान खतरनाक स्थिति न बने। प्रसव पूर्व जांच में ऐसी महिलाओं को चिन्हित कर सरकारी अस्पतालों में उनका उपचार किया जाएगा। अब तक प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएमएसएमए मनाया जा रहा था। अब इसमें और तेजी लाने के लिए मिशन निदेशक ने इसे विस्तारित करते हुए हर माह 24 तारीख को भी जनपद की एफआरयू (प्रथक संर्दभन इकाई) में यह अभियान चलाया जाएगा। इसमें द्वितीय व तृतीय त्रैमासकी गर्भवती की जांच होगी।

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