मण्डलायुक्त ने बैंकों के साथ-साथ बीमा कम्पनी पर भी कसी नकेल

झांसी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ-2019 में कुल 205159 किसानों को बीमित किया गया था, जिसमें से 58647 किसानों के फसल बीमा सम्बन्धित विवरण को जनपद झांसी के बैंकों द्वारा भारत सरकार के फसल बीमा पोटर्ल पर त्रुटिपूर्ण अपलोड किया गया। सम्बन्धित बैंकों को इन त्रुटिपूर्ण डाटाओं को निधार्रित समय सीमा में क्रियान्वयन के लिए निदेर्शित किया गया। लेकिन सम्बन्धित बैंकों द्वारा 16404 कृषकों का डाटा सुधार उपरांत बीमा कम्पनी को अभी तक उपलब्ध नहीं कराये गये हैं।

बैंक के स्तर से त्रुटिपूर्ण डाटा 16404, जो अभी तक ठीक नहीं कराया गया है, उनके बैंकवार किसान की प्रीमियम की धनराशि को सम्बन्धित बैंक को वापस कर दी जाये किन्तु बीमा कम्पनी के द्वारा अभी तक प्रीमियम की धनराशि बैंक को वापिस नहीं की गयी है, जिसका परोक्ष लाभ बीमा कम्पनी द्वारा लिया गया है। प्रीमियम की धनराशि ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिये। 32727 ऐसे प्रकरण है जिनमें बैंकों के द्वारा कृषकों से प्रीमियम धनराशि प्राप्त कर सम्बन्धित बीमा कंपनी को उपलब्ध करा दी गयी थी, परन्तु उन कृषकों का विवरण पीएमएफबी पोटर्ल पर बैकों द्वारा अपलोड ही नही कराया गया, जबकि कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा के पत्र द्वारा स्पष्ट होता है कि निधार्रित समय सीमा के बाद भी पोटर्ल को पुनः खोला गया था तथा स्पष्ट निदेर्श दिये गये थे कि अब पोटर्ल को आगे नहीं खोला जायेगा और यदि कृषक का विवरण पोटर्ल पर अपलोड नही होने के कारण कृषक बीमा लाभ से वंचित होता है तो देय क्षतिपूर्ति का भुगतान बैंक द्वारा स्वयं किया जायेगा। इस कृत्य में सम्बन्धित बैंक लापरवाही के दोषी हैं। मण्डलायुक्त ने कहा कि जिलाधिकारी इसका भी आंकलन कराकर बैंकों के विरूद्ध आरसी जारी करें।

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