राष्ट्रीय लोक अदालत में 1,36 092 वादों का किया गया निस्तारण

530 मामलों में बैंकों और बकाऐदारों के मध्य.6 करोड़ 14 लाख92, हजार 502 रुपए की धनराशि का कराया गया समझौता
उरई/जालौन (अनिल शर्मा)। रविवार को सुबह 10 बजे जनपद न्यायाधीश लल्लू सिंह द्वारा फीता काटने के उपरान्त दीप प्रज्ज्वलन करके राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत् उद्घाटन किया गया। जनपद की सभी तहसीलों मे स्थित दीवानी न्यायालयों में भी उक्त आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।


जिला दीवानी न्यायालय उरई एवं विभिन्न न्यायालयों में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में 1,36,092 वादों का निस्तारण किया गया। इनमें बैंकों के बकाया ऋण के 530 मामलों में बैंक एवं बकायेदारों के मध्य रू0 6,14,92,502/-रू0 धनराशि का समझौता कराया गया। श्रीराम सिटी यूनियन फाईनेन्स लिमिटेड द्वारा 38 मामलों में मु0 2,10,000/- रू0 धनराशि वसूल की गयी। आपराधिक प्रकरणों में विभिन्न न्यायालयों द्वारा 5,51,093/-रू0 बतौर जुर्माना धनराशि अभियुक्तों से राजकीय कोष में जमा करायी। इस प्रकार आज करीब एक लाख पच्चास हजार वादकारी लाभान्वित हुए।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेनू यादव ने बताया कि आज जनपद न्यायाधीश लल्लू सिंह के कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला जज द्वारा 04 मुकदमों का निस्तारण किया गया एवं मु0 24,18,204/-रू0 धनराशि पक्षकारों को दिलायी गयी। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के 02 मामलों में विपक्षी बीमा कम्पनियों से पीड़ि़त याचीगण को 10,90,000/-रू0 धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में दिलायी गयी।

लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह गौतम द्वारा 16 मुकदमों का निस्तारण किया गया। उन्होंने 04 दाम्पत्य जोड़ांे का पुर्नमिलन कराते हुये भरण पोषण के मामलों में 5,94,000/-रू0 धनराशि वसूल कर पीड़ित महिलाओं को दिलायी गयी। अपर कुटुम्ब न्यायाधीश अमृता शुक्ला द्वारा 36 मुकदमों का निस्तारण किया गया। उन्होंने भरण पोषण के मामलों में 7,26,000/- रू0 पीड़ित महिलाओं को दिलाये। इनके द्वारा 14 वैवाहिक मामले प्रीलिटिगेशन स्तर के भी निपटाये गये। उनके द्वारा इन वादों में उभय पक्ष के मध्य सौहार्दपूर्ण समझौता कराया गया।

सचिव/न्यायाधिकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेनू यादव ने बताया कि जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विनोद कुमार द्वारा 12 मुकदमो का निस्तारण करते हुये 39,36,330/- रू0 याचीगण को दिलवाये गये। इसी क्रम में स्थायी लोक अदालत (पी0यू0एस0) के अध्यक्ष राजवर्धन गुप्ता द्वारा भी 03 मुकदमो में पक्षकारों के मध्य सुलह कराते हुये उन्हें विवाद से राहत प्रदान की गयी।

अपर जिला जज-प्रथम अरूण कुमार मल्ल द्वारा एक, विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0 एक्ट) शिवकुमार द्वारा 03 एवं विशेष न्यायाधीश (ई0सी0 एक्ट) प्रमोद गुप्ता द्वारा विशेष प्रयास करते हुये विद्युत अधिनियम के 416 मुकदमों का निस्तारण किया गया।
सी0जे0एम0 महेन्द्र कुमार रावत समेत सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा कुल 5093 आपराधिक वादों का निस्‍तारण करते हुये 4,67,593/-रू0 अर्थदण्ड जमा कराया गया। सिविल जज सी0डि0 राजीव सरन द्वारा 03, अपर सिविल जज सी0डि0 गजेन्द्र सिंह एवं अपर सिविल जज सी0डि0/एफ0टी0सी0 अर्पित सिंह द्वारा 05 सिविल वादो में पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता कराया गया।

 

विशेष न्यायाधीश अंचल लवानिया, प्रमोद कुमार गुप्ता, अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद आजाद, डा0 अवनीश कुमार, अन्जू राजपूत, सिविल जज जू0डि0 वन्दना अग्रवाल, न्यायिक मजिस्ट्रेट शशांक गुप्ता, प्रियंका सरन, सिविल जज जू0डि0/एफटीसी0 अनुकृति सन्त एवं वाह्य न्यायालय कोंच के न्यायिक अधिकारी उमैमा शहनवाज, मोहित निर्वाल, जालौन के न्यायिक अधिकारी वन्दना, रविकान्त और कालपी दीवानी न्यायालय के न्यायिक अधिकारी इशिता सिंह, दीपक गौतम और विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट उरई चन्द्रभान द्वारा भी लोकअदालत में सहभागिता की गयी।

इस दौरान जिला मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्ट्रेट सहित सभी उप जिला मजिस्ट्रेट, नगर मजिस्ट्रेट और तहसीलदार न्यायालयों द्वारा राजस्व संहिता और फौजदारी के कुल 1595 मामलों सहित विभिन्न विभागों द्वारा प्री-लिटिगेशन प्रकृति के 1,28,895 मामले निस्तारित किये गये।

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