लोकसभा में सुरक्षा में चूक को लेकर हंगामा कर रहे कांग्रेस के पांच सांसद शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित

नई दिल्ली। संसद के शीत सत्र के नौवें दिन गुरुवार को संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर विपक्ष की तरफ से हंगामा जारी है। लोकसभा में हंगामे के चलते कांग्रेस के पांच सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें टीएन प्रथापन, हीबी एडेन, एस जोथीमनी, राम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस शामिल हैं। लोकसभा में गलत बर्ताव के लिए इन सांसदों पर कार्रवाई हुई है। । इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले मंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अनुराग ठाकुर समेत कई अन्य मंत्री और सांसद मौजूद थे। लोकसभा की स्‍थगित कार्यवाही शुरू हो गई, लेकिन विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि बुधवार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी लेकिन पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के बाद एक बार फिर से स्थगित कर दी गई है।

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लिखा कि विपक्षी पार्टियों की मांग है कि संसद में सुरक्षा चूक के मामले पर गृहमंत्री दोनों सदनों में विस्तृत बयान दें और इस पर संसद में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा पर भी कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने घुसपैठियों को विजिटर पास मुहैया कराए। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि इसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है। पिछली बार जब हमला हुआ था तो आतंकी संसद के भीतर नहीं पहुंच पाए थे लेकिन इस बार वह लोकसभा तक पहुंच गए। उन्होंने कहा कि अगर हम चुप डेरेक ओ ब्रायन के निलंबित होने पर टीएमसी सांसद डोला सेन ने उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि डेरेक ओ ब्रायन को निलंबित कर दिया गया है लेकिन वेल में जाकर लोगों से जुड़े मुद्दे उठाना यह हमारा अधिकार है। डेरेक ओ ब्रायन ने कुछ भी गलत नहीं किया है। संसद में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री चुप हैं, इसलिए विपक्ष इस मुद्दे को उठा रहा है और नारेबाजी कर रहा है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर कहा कल की घटना को पूरी देश ने देखा। हर दिन सुरक्षा, सत्ता और विकास पर बातें की जा रही हैं लेकिन देश के अंदर ही सुरक्षा खोखली है। क्या पीएम मोदी को इससे कोई फर्क पड़ता है? लोग कहेंगे कि ‘मोदी मतलब मुश्किल है।

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