रानीलक्ष्मीबाई की जयंती पर राजकीय संग्रहालय में हुआ विश्व धरोहर सप्ताह का शुभारंभ

झांसी। महारानी लक्ष्मी बाई के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को पूर्वाह्न 11ः00 बजे विश्व धरोहर विषयक अस्थाई छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन शिक्षक विधायक, झांसी-प्रयागराज प्रखण्ड डॉ. बाबूलाल तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि बुन्देलखण्ड पर्यटन विकास एवं पुरातत्व संरक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।

 

प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. बाबू लाल तिवारी ने कहा हमारा बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक सम्पदाओं एवं विरासत से बहुत प्राचीन काल से समृद्ध रहा है। इन सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित किए जाने की अपार सम्भावनायें हैं और इससे बुन्देलखण्ड के जन-जीवन को भी समृद्ध किया जा सकता है। इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में रानी लक्ष्मी बाई का जीवन एवं बलिदान सिर्फ बुन्देलखण्ड ही नहीं अपितु पूरे भारत वर्ष के लिए एक प्रेरणा श्रोत है और झांसी की प्रत्येक नारी में रानी झांसी की छवि दिखती है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ने कहा की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने योगदान के लिए रानी झांसी हमेशा पूरे हिन्दुस्तान के दिल में बसती हैं और यहां पर पर्यटन के अपार सम्भावनायें हैं और इन पर्यटन स्थलों को और विकसित कर आय का प्रमुख श्रोत बनाया जा सकता है। कार्यक्रम में लिटिल लाइफ पब्लिक स्कूल के बच्चे रानी झांसी की वेशभूषा में सज-धज कर आये और उनकी उपस्थिति से ऐसा आभास हो रहा था कि जैसे सचमुच में रानी झांसी आज भी हमारे बीच मौजूद हैं। बच्चों में यह उत्साह निश्चित रूप से यहां उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों में एक उर्जा का संचार कर रहा था।

प्रदर्शनी के उपरान्त भारत विकास परिषद मर्णिकर्णिका गु्रप ने रानी झांसी के ऊपर एक नाट्य मंचन किया, जिसका शीर्षक था मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। जिसमें प्रमुख किरदार के रूप में अभिलाषा सचान, स्वपनिल मोदी, किरन लाल, ऊषा सिंह, रश्मि सक्सेना, वन्दना नगरिया, कल्पना सिंह रहीं। साथ ही रिचा साहू ने दुर्गा वन्दना की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में आये अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए उप निदेशक डॉ0 मनोज कुमार गौतम ने कहा कि संग्रहालय अनौपचारिक शिक्षा का एक बड़ा केन्द्र होता है और यह प्रयास किया जाता है कि हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए जन-जन में अपनी धरोहर को ले-जायें। और उसके प्रति सजग एवं जागरूक रखे।

कार्यक्रम में दिनेश भार्गव, नरेशचंद्र अग्रवाल ,रिपुसुदन नामदेव, यशवन्त जोशी, मोहन नेपाली, नरेश अग्रवाल, सोम तिवारी, विजय कुमार मिश्र, रिंकी श्रीवास्तव, दिव्या प्रजापति, मुकेश रायकवार व अन्य लोग उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम का संचालन डॉ. उमा पाराशर ने किया।

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