झांसी के आभास का जिग्सा पजल्स में विश्व ने माना लोहा,बनाया विश्व रिकॉर्ड

महज 1.55 सेकेण्ड में बना दिया भारत के नक्शे का पजल्स

झांसी। विश्व में झांसी का नाम अभी तक वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के शौर्य, दद्दा ध्यानचंद की हॉकी व भक्त प्रह्लाद की नगरी एरच के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। अब झांसी के 6 वर्षीय छात्र आभास कुमार ने जिग्सा पजल्स में भारत के नक्शे का पजल्स मात्र 1.55 सेंकंड में बनाकर विश्व रिकार्ड बना डाला।

 

प्रतिभावान आभास कुमार आरएलपीएस में कक्षा एक के छात्र हैं। वह दतिया गेट निवासी हैं। आभास के माता-पिता नेहा बंसल एवं सुनील कुमार ने यह जानकारी देते हुए बेटे की उपलब्धि पर हर्ष जताया है। दोनों ही राजकीय पॉलिटेक्निक में शिक्षक पद पर कार्यरत है। इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से उन्हें उनकी इस उपलब्धि के लिए एक मेडल और सर्टिफिकेट भी दिया गया है।

 

आभास 3 वर्ष का था तभी से पजल सॉल्व करना शुरू कर दिया था। उसे ऐसे ही खेल पसंद थे जिसमें चीजों को सुलझाने हो। कुछ समय बाद उनके माता पिता ने उन्हें भारत के नक्शे वाला पजल लाकर दिया। पहली बार अपने पिता की मदद से आभास ने नक्शा जोड़ा। उसके बाद वह लगातार प्रैक्टिस करता रहा और खेल खेल में ही यह एक रिकॉर्ड बन गया।

 

आभास की इच्छा डॉक्टर बनने की है किंतु, पजल से उनका रिश्ता बना रहेगा क्योंकि इसी से उसे शोहरत मिली है। आभास के पिता सुनील बंसल का कहना है कि आभास मोबाइल पर गेम खेलने से अधिक रुचि पजल और क्रॉसवर्ड सॉल्व करने में लगाता है। आभास की यह उपलब्धि झांसी के लिए गौरव की बात है।

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