बागियों के तल्ख तेवर पड़े ठंडे, तीन उम्मीदवारों ने वापस लिए नामांकन
अब भाजपा,कांग्रेस, सपा, बसपा व आप पार्टी समेत 07 उम्मीदवार हैं मैदान में
झांसी। कहते हैं चुनाव में नेता साम,दाम,दंड व भेद हर प्रकार की नीति को अपनाते है। निकाय चुनाव-2023 के प्रथम चरण के चुनाव में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। आज 20 अप्रैल को नाम वापसी की तारीख थी। जिसके चलते पार्टियों द्वारा प्रत्याशी घोषित न किए जाने के बाद भाजपा,सपा व बसपा के कुछ लोग बगावत पर उतर आए थे। बागी तेवर अपनाते हुए नामांकन पत्र दाखिल कर आए थे। आज पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से फोन आने के बाद बागियों के तेवर भी बदल गए और उन्होंने नामांकन पत्र वापस लेते हुए पार्टियों के प्रत्याशियों को समर्थन करने का आश्वासन दिया।
झांसी महानगर से सभी दलों समेत कुल 10 लोगों ने महापौर पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए थे। आज उनमें से तीन नामांकन पत्रों को वापस ले लिया गया। भाजपा की पूर्व महापौर किरण राजू बुकसेलर को जब उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया तो उन्हें अपमानमहसूस हुआ। नामांकन के अंतिम दिन उन्होंने बिहारी को महानगर से बाहर का बताते हुए मैं बाहरी को अपनी झांसी नहीं दूंगी का नारा दे डाला। उनका यह नारा जब प्रदेश में बैठे पार्टी पदाधिकारियों के कान तक पहुंचा तो उन्हें तुरंत ही प्रदेश मुख्यालय बुला लिया गया। कुछ बड़े पदाधिकारियों ने पूरी तन्मयता से उन्हें कई आश्वासन दिए और उनके बगावती तेवर रफूचक्कर हो गए। एक ही रात में उन्हें बाहरी बिहारी स्थानीय लगने लगे और आज किरण राजू बुक सेलर ने अपना नामांकन वापस लेते हुए भाजपा का समर्थन करने का आश्वासन दिया।
बसपा के विश्वसनीय व पार्टी में कई जिम्मेदारियों को निभाने वाले भूपेंद्र आर्य ने भी पार्टी की नीतियों से खफा होकर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था। भाजपा की नीतियों ने उन्हें भी प्रभावित कर दिया। आज उन्होंने अपना नामांकन वापिस लेते हुए बसपा का मोह त्यागकर भाजपा का खुलकर समर्थन करने का आश्वासन दिया।
समाजवादी पार्टी ने डॉ. रघुवीर चौधरी को नामांकन के अंतिम दिन के दो दिन पूर्व देर रात करीब 11 बजे महापौर पद का प्रत्याशी घोषित किया था। यहां उन्होंने अपना चुनाव प्रचार शुरू किया और महज 12 घंटे में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पूर्व विधायक सतीश जतारिया का नाम घोषित कर दिया। इस पर अपना मन मारते हुए डॉ. रघुवीर चौधरी ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया। उनके पास कल जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का फोन आया और उन्हें उनकी तमाम जिम्मेदारियों का अहसास दिलाया तो आज उन्होंने भी अपना नामांकन वापस लेते हुए सपा का समर्थन करने का आश्वासन दे दिया।