मोपेड, बाइक व कार के नम्बरों को टैªक्टरों का बताकर किया लाखों का घोटाला

विभाग स्थलीय निरीक्षण को नहीं तैयार, आयोग के आदेश की भी हो रही अवहेलना

झांसी। किसान आंदोलन के आठवें दिन किसान नेता ने धरना स्थल पर वन विभाग के भ्रष्टाचार का बड़े घोटाले पर से पर्दा उठाया। मीडिया को संबोधित करते हुए बताया वन विभाग ने कैसे टैªक्टर के नाम पर मोपेड,बाइक व कार के नम्बर पर लाखों रुपए पौधे ढुलाई के नाम पर उड़ा दिए। जन सूचना अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर वन विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। कहा कि अधिकारी अपने अधीनस्थों को बचाने के लिए जांच नहीं कराते।

किसान रक्षा पार्टी के बैनर तले किसान अपनी विभिन्न समस्याओं के निस्तारण को पिछले 8 दिन से धरने पर बैठे हंै। उनकी सुनवाई नहीं हुई। किसान नेता गौरीशंकर विदुआ व मुदित चिरवारिया ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग भ्रष्टाचार मे डूबे हुए हैं। अधिकारी अधीनस्थों को बचाने में लगे हुए हैं। यही कारण है कि उनकी मांगों का संज्ञान नहीं लिया जा रहा। अधिकारी जांच भले न करें। वह विभागों के भ्रष्टाचार की पोल खोलते रहेंगे। उन्होंने वन विभाग झांसी में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए बताया कि उनके द्वारा 2019 में जन सूचना अधिकार के तहत 2018 में हुए वृक्षारोपण की जानकारी मांगी गई थी। विभाग द्वारा सूचना न देने पर मामला राज्य सूचना आयोग पहुंचा। वहां से भी विभाग को सूचना देने का आदेश हुआ। इसके बाद भी पूर्ण सूचना नहीं दी गई। 12 अगस्त 2021 को फिर से आयोग में सुनवाई है।

इसके पूर्व गरौठा व चिरगांव विकासखण्ड की जो सूचना दी गई। उसने विभाग की पोल खोल कर रख दी है। जिन टैªक्टर नंबरों से पौधों की ढुलाई दिखाई गई, उन वाहनों में मोपेड, मोटरसाइकिल, कार आदि भी शामिल थे। कई वाहनों का फिटनेस बीमा खत्म हो चुका था। कई वाहन 20 और 27 साल से ऊपर के थे। बिना नंबर के ट्रैक्टर थे। आधे से अधिक ऐसे लोगों को भुगतान हुआ जो वाहन स्वामी ही नहीं थे। इस अवसर पर देवी सिंह कुशवाहा, पवन तिवारी ,सचिन मिश्रा ,मुन्ना चैधरी ,अमर सिंह ,पप्पू पाल नीरा आर्य ,पार्वती ,रजिया पुक्खन, मुन्नी, रानी ,राजकुमारी सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

स्थलीय निरीक्षण से कतराया विभाग
वन विभाग ने जन सूचना अधिकार के तहत दी जानकारी में बताया कि वर्ष 2017-18 से 2019 – 20 तीन साल में 336.577 लाख रुपए खर्च करके 2122025 पौधे रोपे थे। इनमंे 1967739 जीवित है। किसान नेता गौरीशंकर विदुआ ने आरोप लगाया कि विभाग स्थलीय निरीक्षण कर तीन वर्ष के जीवित 1967739 पौधे दिखाने को तैयार नहीं। पूर्ण जानकारी इसलिए नहीं दी जा रही क्योंकि इसी तरह का भ्रष्टाचार सभी रेन्जो में हुआ है। पौधे ढुलाई में भ्रष्टाचार उजागर हुआ तो पौधे खरीद व मजदूरी में भी हेरा फेरी की पूरी संभावना है।

ट्रैक्टर नंबर गलत
वन विभाग द्वारा ट्रैक्टर नंबर यूपी 93 ईयू 5387 से 10815 पौधों की ढुलाई कराने के 43970 रुपए का भुगतान किया, जबकि इस नम्बर का कोई वाहन आरटीओ मे रजिस्टर्ड ही नहीं है।

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