महाशिवरात्रि पर हर हर महादेव के जयघोष से गूंजे शिवालय

शिवालयों में अभिषेक करने को लगी श्रद्धालुओं की कतारें

गांवों व कस्बों में बैठे श्रीरामचरितमानस के पाठ,शिव- पार्वती विवाह की होने लगी तैयारियां

झांसी। वीरांगना भूमि झांसी के शिवालय मंगलवार को हर हर महादेव के जयघोषों के साथ गुंजायमान हो उठे। ब्रह्म मुहूर्त से ही शिवालयों के बाहर महादेव के भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली। हर भक्त अपने अंदाज में भगवान भोलेनाथ को मनाने का प्रयास करता दिखाई दिया। यह हाल महानगर का ही नहीं बल्कि जनपद के छोटे-बड़े कस्बों व गांवों में देखने को मिला। जहां लोगों ने शिवालयों पर रामचरितमानस का अखंड पाठ भी रखवाया। वहीं विभिन्न शिवालयों में शिव – पार्वती विवाह आयोजित हो रहे हैं।

भारत को ऋषि मुनियों व मान्यताओं का देश कहा जाता है। श्रद्धा यहां के लोगों में कूट कूट कर भरी होती है। शिव को देवताओं का भी देवता माना जाता है। और महाशिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ की सबसे प्रिय रात्रि अर्थात देवाधिदेव महादेव को सबसे प्रिय लगने वाली रात्रि। हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। अन्य 11 माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरा​त्रि मनाई जाती है।

पुराणों में महाशिवरात्रि को भगवान शिव से जुड़ी 3 महत्वपूर्ण घटनाएं होना बताया जाता है। इस वजह से इस दिन शिव पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। महानगर में सुबह से ही शिवालयों में महादेव के अभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लम्बी पंक्तियां लगी रही।

महाशिवरात्रि पर्व मनाने के कारण
शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान सदाशिव सबसे पहले शिवलिंग स्वरुप में प्रकट हुए थे। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ही भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग प्रकाट्य हुआ था। उस दिन फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी। इस कारण से हर साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है।

शिव और शक्ति का महामिलन उत्सव
पौराणिक कथाओं में यह भी वर्णित है कि शिव और शक्ति का महामिलन महाशिवरात्रि को हुआ था। भगवान शिव और शक्ति एक दूसरे से विवाह बंधन में बंधे थे। वैरागी शिव का वैराग्य छोड़कर गृहस्थ आश्रम में प्रवेश किए जाने का प्रमाण श्रीरामचरितमानस में मिलता है। इस वजह से कई स्थानों पर महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव बारात निकाली जाती है। इस दिन शिवभक्त शिव पार्वती का विवाह भी संपन्न कराते हैं।


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिव और माता पार्वती का विवाह कराने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं। दांपत्य जीवन खुशहाल होता है।

प्रसाद में बांटा जाता है मलीदा
गांवों में शिवालयों में श्रीरामचरितमानस का अखंड पाठ कराते हुए रात्रि जागरण किया जाता है। और दूसरे दिन शुद्ध घी से बनाई गई पूड़ियों में शक्कर का बूरा मिलाकर प्रसाद बनाया जाता है। इसे बुंदेलखंड में मलीदा कहा जाता है।

आज ही प्रकट हुए थे 12 ज्योतिर्लिंग
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही देशभर में द्वादश ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे। इन 12 ज्योतिर्लिंगों के प्रकट होने के उत्सव के रुप में भी महाशिवरात्रि मनाई जाती है और भगवान शिव की पूजा की जाती है।

वीरांगना भूमि के प्रसिद्ध शिवालय
महानगर झांसी करीब 14 प्रसिद्ध शिवालय है जहां श्रद्धालु अपने शिव को मनाने के लिए कभी अभिषेक तो कभी कावर से जल लेकर जलाभिषेक तो कभी बारात निकालकर यह उत्सव मनाते रहते हैं ।

इन शिवालयों में गोविंद चौराहे पर स्थित प्राचीन मढ़िया महाकालेश्वर मंदिर,ग्वालियर रोड स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, बड़ागांव गेट बाहर राजा बाबा महादेव मंदिर, बड़ागांव गेट बाहर स्थित प्राचीन महाकालेश्वर महादेव मंदिर, दीक्षित बाग स्थित प्राचीन महादेव मंदिर,एवट मार्केट स्थित प्राचीन महादेव मंदिर, ऐतिहासिक दुर्ग के अंदर स्थित दुर्ग महादेव, बड़ागांव गेट बाहर स्थित प्राचीन महामृत्युंजय महादेव, कसाई मंडी स्थित प्राचीन महादेव, प्राचीन पंचमुखी महादेव मंदिर फूटा चोपड़ा सैयर गेट, प्राचीन झरनापति महादेव झरना गेट, पानी वाली धर्मशाला स्थित हजारिया महादेव,गोपाल की बगिया स्थित भूतनाथ महादेव मंदिर और सुभाष गंज छनिया पुरा स्थित प्राचीन महादेव मंदिर प्रमुख हैं ।

जहां भक्त अपने मनोरथ सिद्ध करने के लिए महादेव का विभिन्न वस्तुओं से अभिषेक करते रहते हैं।

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