परिषदीय विद्यालय में नही मनाई गई लौह पुरुष की जयंती
टोड़ीफतेहपुर। लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 146 वी जयंती ब्लाक गुरसरांय के अन्तर्गत आने बाले प्राथमिक विद्यालय लठवारा में नही मनाई गई जबकि स्कूल में पड़ने बाले बच्चे सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाने स्कूल पहुँचे, पर स्कूल में कोई भी शिक्षक न होने एवं स्कूल के गेट पर लटक रहे ताले को देखकर बच्चे मायूस होकर वापिस लौट गए।
ज्ञातव्य हो कि रविवार 31 अक्टूबर को पूरे देश भर में सरदार बल्लभ भाई पटैल की 146 वीं जयंती बड़े धूम-धाम से मनाई गई। वहीं एक विद्यालय झांसी जनपद का ऐसा भी रहा जहां परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की मनमानी के चलतेे लौह पुरूष की जयंती को मनाया जाना तक उचित नही समझा। जबकि शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा शासनादेश जारी कर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती बड़े ही हर्षउल्लास के साथ राष्टीय एकता दिवस के रूप में मनाये जाने के लिए निर्देशित किया गया था। यही आलम नगर में स्थित एक नामचीन इंग्लिश मीडियम स्कूल का रहा जहाँ लौह पुरूष की जयंती को नही मनाया गया।जबकि एक धर्म विशेष की पड़ने बाली जयंती को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।शासन द्वारा शिक्षा का स्तर बढ़ाये जाने हेतु व्यापक सुधार किये जा रहे है वही देखिये कुछ स्कूल अपनी मनमानी के चलते हमेशा सुर्खियों में बने रहते है और उनके खिलाफ शिक्षा विभाग के जुम्मेदरानो द्वारा कोई व्यापक कदम उठाते हुए ठोस कारवाई न किये जाने से यह प्रतीत होता है कि उच्चाधिकारी सब कुछ जानकर भी अन्जान बने हुये शिक्षा विभाग के जुम्मेदरानो का यही आलम रहा तो ऐसे में देश का भविष्य कहे जाने बाले बच्चों को अच्छी शिक्षा का मिल पाना सम्भव नही है। प्राइवेट स्कूलों से लेकर परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई के नाम पर क्या खेल चल रहा है। उसके वावत शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। लोगों द्वारा शिकायत किये जाने के बाबजूद भी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी कारवाई करने से कतराते हूए नजर आते है। अब देखना यह है कि देश के लौह पुरूष कहे जाने बाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती न मनाये जाने बाले स्कूलों के खिलाफ प्रशासन द्वारा क्या कारवाई अमल में लाई जाती है। यह शिक्षा विभाग का पहला मामला नहीं। इसके पहले भी टोड़ी फतेहपुर नगर पंचायत अंतर्गत एक विद्यालय अवकाश के दिन संचालित होते हुए पाया गया था, उसपर भी विभाग द्वारा कोई कार्रवाई अभी तक अमल में नहीं लाई गई है।