भारतीय नवसंवत्सर सृष्टि के सृजन का दिवस : चंद्रप्रकाश 

सारंध्रा नगर स्वयंसेवकों ने निकाला गया पथ संचलन,जगह जगह हुआ पुष्पवर्षा के साथ स्वागत

झांसी। गुरुवार को सारंध्रा नगर के स्वयंसेवकों द्वारा घोष की थाप रामलखन इंटर कॉलेज से अनुशासित ढंग से पथ संचलन निकाला गया। स्वयंसेवकों का पथ संचलन के दौरान जगह समाज के लोगों द्वारा पुष्प वर्षाकर स्वागत किया गया। सारंध्रा नगर में मुख्य वक्ता के रूप में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए महानगर सह बौद्धिक प्रमुख चंद्रप्रकाश ने भारतीय नवसंवत्सर को सृष्टि के सृजन का दिवस बताया। पथ संचलन रामलखन इंटर कॉलेज से शुरू हो कर मेट्रो हॉस्पिटल होते हुए वापस वही संपन्न हुआ।

सारंध्रा नगर में मुख्य वक्ता ने बताया कि आज संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने की ओर अग्रसर है। सनातन संस्कृति का सृष्टि के साथ से ही उद्भव माना जाता है। अन्य सभी संस्कृतियों के काल गणना की जानकारी मिलती है लेकिन सनातन संस्कृति की कोई तिथि सामने नहीं आती आदि काल से ही सनातन सभी संस्कृतियों का पोषक रहा है।

पाश्चात्य सभ्यता की ओर भले ही हम चकाचौंध देखकर आकर्षित हो लेकिन वास्तव में केवल सनातन संस्कृति ही वसुधैव कुटुम्बकम का भास कराती है। काल की गणना और सृष्टि के प्रथम दिवस के रूप में सनातन संस्कृति के नव संवत्सर को मनाया जाता है। हिन्दू नववर्ष के आगमन पर प्रकृति का स्वरूप परिवर्तित होने लगता है। ऐसा अन्य नववर्ष की गणना में नहीं है।

उन्होंने संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार जी के विचारों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमें उनके संघर्षों से सीखने की आवश्यकता है। उनके साथ मंच पर  सारंध्रा नगर संघचालक रामगोपाल कुशवाहा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में शारीरिक प्रमुख राहुल, नगर कार्यवाह आनंद स्वरूप,सह नगर कार्यवाह देवेंद्र आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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