मैनें नर्मदा के तटों पर प्राकृतिक सौंदर्य को देखा है, इसे सहेज कर रखना होगा : जयप्रकाश द्विवेदी

उरई/जालौन (अनिल शर्मा)। मैनें नर्मदा के तटों पर प्राकृतिक सौंदर्य को देखा है। इसे आने वाली पीड़ी के लिए सहेज कर रखना होगा। हमें जल, पहाड़ व वृक्षों को हर हाल में बचाना होगा। यह बात बुधवार को शहर के आफीसर कॉलोनी स्थित अपने आवास पर नर्मदा की परिक्रमा कर लौटे सेवा निवृत बैंक मैनेजर व सदर विधायक प्रतिनिधि जयप्रकाश द्विवेदी ने कही। उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा का पुराणों में खासा महत्व है। उन्होंने अपनी यात्रा 14 दिसंबर को खंडवा जिले के ओमकारेश्वर ज्यातिर्लिंग से शुरु की थी। इस दौरान वे करीब तीन हजार किलो मीटर पैदल चले।

 

बताया कि उनकी यात्रा 31 मार्च को उसी ओंमकारेश्वर मंदिर पर पहुंचकर समाप्त हुई जहां से शुर हुई थी। कहा कि सामान्यतः श्रद्धालु नर्मदा की परिक्रमा पैदल या वाहनों से करते हैं। कुछ लोग कठिन परिक्रमा का भी संकल्प लेते हैं। उन्होंने ने भी पिछले वर्ष नर्मदा की परिक्रमा का संकल्प लिया था। 65 वर्षीय श्री द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने पहली बार परिक्रमा का संकल्प लिया था। पहले सोचा यह कठिन संकल्प कैसे पूरा होगा। लेकिन मां नर्मदा की कृपा से सब कुछ सहज ही हो गया।

 

उन्होंने कहा कि नर्मदा की परिक्रमा के दौरान प्राक्रतिक सौंदर्य को बहुत ही नजदीक से देखा, हमें आगे की पीड़ी के लिए जल, पहाड़ व पेड़ों को हर हाल में सुरक्षित करना होगा। इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व जिलाध्यक्ष भाष्कर अवस्थी, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष नागेंद्र गुप्ता, रविन्द्र प्रताप सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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