लक्ष्मी ताल का अतिक्रमण हटाने गई टीम का भीषण विरोध
सिटी मैजिस्ट्रेट ने दोनों पक्षों को 7 दिन में साक्ष्य पेश करने को कहा
झांसी। एनजीटी में दर्ज याचिका की सुनवाई में लक्ष्मी तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश का पालन कराने पहुंचे प्रशासन व पुलिस की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। जिला प्रशासन ने गुरुवार को मंदिरों व मस्जिद के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया। फिलहाल अतिक्रमण नही हटाया गया है। दोनो पक्ष से पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की वार्ता के बाद उन्हें सप्ताह भर में अपने साक्ष्य पेश करने का समय दिया गया।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण में गिरिजा शंकर व नरेंद्र कुशवाह बनाम स्टेट ऑफ यूपी के विरुद्ध याचिका दर्ज कराकर झांसी शहर के लक्ष्मी ताल के चारों ओर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने की मांग की थी। इस पर एनजीटी ने 14 सितंबर को सुनवाई करते हुए लक्ष्मी ताल के सौंदर्यीकरण के लिए आस पास फैले अतिक्रमण को मुक्त कराने के निर्देश दिए थे। इन्ही निर्देशों का पालन करते हुए गुरुवार को नगर निगम संपत्ति विभाग ने डढ़ियापुरा लक्ष्मीताल संख्या 1427 व 1432 पर बने मंदिर के पुजारी महंत बामलहरी गिरी पुजारी तथा मस्जिद के सब्बीर शाह उर्फ बबलू मजार हजरत खाकी शाह बाबा की मजार पर नोटिस चस्पा कर अतिक्रमण को हटाने के की सूचना दी।
आज नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस का भारी फोर्स अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंचे थे। वहां पहले से ही दोनो पक्षों के सेंकड़ों लोग मौजूद थे। अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू कर रहे प्रशासन को रोकते हुए लोगों ने जमकर विरोध किया। भारी विरोध को देखते हुए सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी ने दोनो पक्षों से वार्ता कर मामले का निस्तारण कराने का प्रयास किया। वही मौके पर शहर कोतवाली, नवाबाद, सदर बाजार, सीपरी बाजार सहित कई थानों का पुलिस फोर्स और पीएसी को तैनात कर दिया गया है।
बोले सिटी मैजिस्ट्रेट,7 दिन सुनवाई के लिए
सिटी मैजिस्ट्रेट अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि एनजीटी के आदेशों का पालन कराते हुए अतिक्रमण हटाने का कार्य रोका गया है। दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। समयावधि में दोनों पक्ष अपने प्रपत्र व साक्ष्य पेश करेंगे। इस पर सहमति बनी है।