गौ आश्रय स्थल कोटरा का डीएम ने किया निरीक्षण, मिली खामियां, दिए सुधार के निर्देश

कहा, गौशालाओं के खाते में सीधे धनराशि होगी हस्तांतरित ताकि आय-व्यय में हो पारदर्शिता

झांसी। बुधवार को जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने गौ आश्रय स्थल कोटरा विकासखंड मऊरानीपुर का औचक निरीक्षण किया। जहां खामियां पाये जाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए सुधार के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गौशाला वार नामित नोडल अधिकारी का दायित्व है कि नामित नोडल अधिकारियों द्वारा गौशाला का सत्यापन किया जाए एवं उनके द्वारा बताई गई गोवंश की संख्या के आधार पर ही गौशाला को धनराशि हस्तांतरित की जानी है। नोडल अधिकारी भली प्रकार से यथासंभव प्रत्येक माह गौशाला का भ्रमण करें ताकि उनके द्वारा बताई गई गोवंश की संख्या के आधार पर धनराशि गौशाला को आवंटित की जा सके। उन्होंने कहा कि गौशालाओं के खाते में अब सीधे धनराशि हस्तांतरित की जाएगी। उन्होंने गौशाला का निरीक्षण व सत्यापन के दौरान निधार्रित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए परंतु मौके पर निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकी,उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि सत्यापन के दौरान यह पाया जाता है कि ऑनलाइन पेपर गोवंश अधिक है एवं स्थल गोवंश कम पाए जाते हैं तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि एक पंजिका बनाकर उसमें प्रतिदिन पकड़े गए गोवंश की संख्या, मृत गोवंश की संख्या एवं सहभागिता में दिए गए गौवंश की संख्या के साथ गौ शाला में उपलब्ध गोवंश की संख्या अवश्य अंकित की जाए। उन्होने कहा निराश्रित गौवंशो पर भी कड़ी नजर रखी जाये और उन्हें गौशालाओं में संरक्षित किया जाये। गौशाला में बरसात के मौसम में कीचड़ की स्थिति से निपटने के लिए गौशालाओं में बालू डलवाने के लिए एक निर्धारित रोस्टर बनाकर सचिव/ लेखपाल की उपस्थिति में बालू डलवाई जाए इसमें जिला खनिज अधिकारी से समन्वय स्थापित कर नियमों का अनुपालन कराया जाए। समस्त उप जिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी द्वारा इस संबंध में समस्त लेखपाल और सचिव के साथ बैठक सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंनें कहा कि जिन गौशालाओं में बाउंड्री टूटी है वहां पर बांस की जाली लगाकर वैकल्पिक व्यवस्था की जाये ताकि गौशाला के अन्दर कोई अन्य जानवर न जा सके।
जिलाधिकारी ने गौवंश आश्रय स्थलों पर प्रकाश की व्यवस्था , पीने के पानी, निरीक्षण पंजिका की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों से कहा कि पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था के लिए गौशालाओं के पास चरागाह की खाली पड़ी जमीन पर हरा चारे बुवाई की व्यवस्था करायी जाये। इस दौरान उप जिलाधिकारी मऊरानीपुर मृत्युंजय नारायण मिश्रा, खण्ड विकास अधिकारी मऊरानीपुर गणेश वर्मा, ग्राम सचिव ग्राम प्रधान सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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