दस्तक अभियान बच्चे के लिए है वरदान, यही दिलाएगा उन्हें जीवनदान : डीएम

1398 आशा व आंगनबाड़ी टीम देगी दरवाजे पर दस्तक, 326 सुपरवाइजर करेंगे निगरानी

झांसी। जनपद में 01 से 30 अप्रैल तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान के साथ ही 10 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान के संचालन की जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कलेक्ट्रेट में जनता सुनवाई के दौरान समीक्षा की।

जिलाधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में व्यवहार परिवर्तन के लिए जागरूकता अभियान चलाएं ताकि मलेरिया और डेंगू से बच्चों सहित आम जनमानस को बचाया जा सके। उन्होंन अधिशासी अधिकारी एवं अभियान से जुड़े अन्य लोगों को क्षेत्र भ्रमण के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में 05 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर और बीमारी को दूर करने के लिये आवश्यक स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं का एक पैकेज देने के एक दृष्टिकोण के रूप में ‘दस्तक अभियान’ चलाया जा रहा है। दस्तक अभियान का उद्देश्य आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं की मदद से कुपोषित बच्चों की सक्रिय रूप से पहचान करना और उनका प्रबंधन करना तथा पांच साल से कम उम्र के बच्चों को आवश्यक स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं प्रदान करना है।

 

उन्होने आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ती सहित फ्रंटलाइन वर्कर को 05 साल तक के बच्चों वाले परिवारों की पहचान करने के लिये घर-घर दस्तक देने और डायरिया, गंभीर एनीमिया, गंभीर तीव्र कुपोषण तथा कोविड-19 जैसी बीमारियों के लिये उनकी जाँच कराए जाने के निर्देश दिए। दस्तक अभियान के माध्यम से अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्त्ता एनीमिया की रोकथाम के लिये आयरन और फोलिक एसिड सिरप, डायरिया के प्रबंधन के लिये ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) पैकेट और ज़िंक की गोलियां भी वितरित करें तथा बच्चे को विटामिन-ए की खुराक भी प्रदान करें। आशा आंगनवाड़ी टीम को निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक घर में अभियान के अंतर्गत मलेरिया, डेंगू, टीबी, कुष्ठ रोग सहित सर्दी,खांसी,जुकाम व बुखार आदि की जांच अवश्य करें ताकि कोरोना की पहचान की जा सके।

 

उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि अभियान में जाचोंपरान्त अति कुपोषित बच्चे को तत्काल एनआरसी भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग द्वारा अभियान के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में फागिंग/छिड़काव एवं गांवों में विशेष सफाई अभियान के दौरान गलियों, नालियों आदि की सफाई, झाड़ियों की कटाई, संचारी रोग से बचाव हेतु ग्रामवासियों के साथ बैठक, प्रभात फेरी, जागरूकता रैली आदि का आयोजन किया जाये तथा पशु पालन विभाग द्वारा सूकर पालकों का चिन्हींकरण कर आबादी से दूर स्थापित करने के लिए प्रेरित करना और पोल्ट्री व्यवसाय के लोगों को संचारी रोग से बचाव तथा सफाई आदि के बारे में सूचित/संवेदीकृत किया जाये।कार्य में किसी भी तरह की शिथिलता अथवा लापरवाही न होने पाए।

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