झाँसी : मुख्यमंत्री से सम्मानित प्रधान के भ्रष्टाचार का जनता ने किया भांडाफोड़
मऊरानीपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मेढकी का आँखों देखा हाल
झाँसी : मऊरानीपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मेढकी जिसके प्रधान को अधिकारियों ने मिलकर विकास के नाम पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सम्मानित करा दिया गया। गांव में भ्रष्टाचार की सीमा को जहां तक देखा जाए वहां भी कम दिखाई देगा। इससे लगता है कि अब अधिकारी भी सम्मान को बेचने में लगे है। जहां इस ग्राम पंचायत के अधीन प्रधान, सचिव तथा ब्लॉक के अधिकारियों ने मिलकर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार कर डाला।
श्मशान घाट
श्मशान घाट जिसे लगभग साढ़े तीन लाख रुपये की लागत से बनाया गया उसकी छत मात्र तीन साल में चटक गई। बाउंड्री भी पूरी तरह चटक गई। श्मशान घाट में गन्दगी व घास उगी हुई है।
खेतों का समतलीकरण
कई खेतों का समतलीकरण हुआ ही नहीं लेकिन उसके पैसे निकाल लिए गए। खेत मालिकों को मालूम ही नहीं कि उनके खेत में बंधी व समतलीकरण हो गया।
सड़क
गांव में एक सड़क ऐसी भी है, जिसमें एक तरफ से सीसी रोड का निर्माण व उसी सड़क के दूसरी तरफ एपेक्स बिछा दिए गए। लाखों रुपये सड़क के नाम निकाले गए। यह सड़क कभी बनाई ही नहीं गई। वहां धूल ही धूल उड़ती दिखाई दे रही है।
गौशाला
गांव में गौशाला है ही नहीं। गांव वालों ने अपने पैसों से एक जगह अन्ना जानवरों को बंद कर खिलाया। जबकि कागजों में गौशाला के नाम पर लाखों रुपये निकाले जा चुके हैं।
पुलिया, कुएं और नालियां
कई पुलिया जो बनाई ही नहीं गईं। उनका पैसा कागजों में निकाल लिया गया। गांव में बने कुओं के जीर्णोंद्धार के नाम पर भी लाखों रुपये निकाले गए। लेकिन उद्धार सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रहा है। नालियों का निर्माण भी हवा में हुआ और लाखों रुपये बाह गए।
पंचायत भवन
पंचायत भवन में लाखों रुपये की लाइट व फर्नीचर कागजों में दिखाई दे रहा है। लेकिन पंचायत भवन में मात्र एक डोरी व बल्ब ही दिखाई दे रहा था। ऐसे ही कई हवा हवाई विकास कार्य हुए हैं, जो गांव वालों को पता ही नहीं।
कवि इशुरी को भी नहीं बख्शा
कवि इशुरी की प्रतिमा लगवाना और उनके चबूतरे का निर्माण सिर्फ कागजों में दिखाई दे रहा है। इशुरी की प्रतिमा की सिर्फ रँगाई-पुताई ही हुई है। नई प्रतिमा के नाम पर लाखों रुपये निकाल लिए गए।
भ्रष्टाचार की सीमा लांघ चुकी इस ग्राम पंचायत मेढकी की जांच करके प्रधान या उससे संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए थी लेकिन सत्ता के खेल देखिये कि अधिकारियों ने ऐसी ग्राम पंचायत के प्रधान को मुख्यमंत्री से सम्मानित करा दिया।