राजनीति में जातिवाद कोई नई बात नहीं,यह प्रदेश व देश दोनों में: राजा भइया

झांसी। देश में जहां जातिवाद को सिरे से खारिज किए जाने की बात होती है। वहीं राजनीति में जातिवाद को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भइया इसे कोई नई बात नहीं मानते। देर शाम जनसेवा संकल्प यात्रा लेकर झांसी सर्किट हाउस पहुंचे राजा भइया ने कहा कि राजनीति में जातिवाद देश या प्रदेश के लिए नई बात नहीं है। इसमें बुराई क्या है। चुनाव आते ही जातिवाद पर जोर इसलिए आ जाता है कि लोग सम्मेलनों के माध्यम से विभिन्न जातियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

उन्होंने वेबाकी के साथ पत्रकारों के सवालों का जबाब दिया। उन्होंने अपनी पार्टी की खासियत बताते हुए कहा कि आम तौर पर लोग अलग पार्टी का गठन तब करते हैं,जब वे किसी पार्टी में मौजूद हो और उनके अधिकारों का हनन हुआ हो,अपनी उपेक्षा महसूस करें या फिर वहां घुटन महसूस करें। या किसी जाति विशेष को पकड़कर किसी दल का गठन किया। अन्य दलों व जनसत्ता दल में यह अन्तर है कि छोटे दलों की खासियत है कि जब तक ये किसी बड़े दल से गठबंधन करने के बाद ही विधानसभा तक पहुंच पाए हैं। जबकि जनसत्ता दल के साथ ऐसा नहीं है। हम लोग लम्बे समय से विधानसभा में हैं। उन्होंने अपने तमाम साथियों का परिचय भी कराया। अखिलेश के सबसे बड़ा हिन्दु वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि मंदिर जाना,ईश्वर की आराधना करना यह उनकी अपनी बात है। लोग सन्मार्ग की ओर बड़ें,इसमें बुराई क्या है। उन्होंने एक सवाल के जबाब में कहा कि हमने जब जिस पार्टी को चाहा उसे ज्वाइन किया। कहा कि यह हमारा सौभाग्य रहा कि उन्होंने कल्याण सिंह,राजनाथ सिंह,मुलायम सिंह व अखिलेश सिंह जैसे बड़े नेताओं के बीच मंत्री पद पर अनुभव प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्रष्ठभूमि राजनैतिक नहीं थी। उनके दादा हिमांचल के गवर्नर थे। लोगों ने जिस दल से कहा चुनाव लड़ लिया। सन 1993 में सबसे कम उम्र के विधायक बने। और तब से अब तक हर बार जीत का अन्तर बढ़ता गया। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों का काम करने का अपना तरीका है। इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। इस दौरान उनके साथ एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह व जिलाध्यक्ष झांसी मधुपाल सिंह समेत सैकड़ों समर्थक उपस्थित रहे।

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