बुंदेली व्यंजन सभी वर्ग के लोगों के लिए सुलभ व पौष्टिक : डा. रंजना

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान द्वारा मनाए जा रहे विश्व पर्यटन दिवस महोत्सव के साप्ताहिक आयोजनों के क्रम में बुंदेली व्यंजन प्रतियोगिता व चित्रकला एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। बुंदेली व्यंजन प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों के छात्र छात्राओं और शहर की महिलाओं सहित 26 टीमों ने प्रतिभाग किया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डा. रंजना वैशम्पायन ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन अत्यंत प्रासंगिक हैं, शास्त्रों के अनुसार भोजन को पूर्ण ब्रह्म कहा गया है तथा भोजन करने की प्रक्रिया को यज्ञ समान माना जाता है क्योंकि भोजन के ग्रास को हम जठराग्नि को समर्पित करते हैं। भारत विविधताओं का देश है और प्रत्येक राज्य और पंथ के अपने प्रधान भोजन होते हैं, जो ऋतुओं के वैविध्य के अनुसार बदलते हैं। उन्होंने कहा कि भोजन ऐसा हो जिससे क्षुधा के साथ-साथ सभी इंद्रियां भी संतुष्ट हो क्योंकि पाक शास्त्र मात्र कला नहीं अपितु विज्ञान भी है। बुंदेलखंड के व्यंजन सभी आय वर्ग के लोगों के लिए सुलभ व पौष्टिक हैं। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने बुंदेली व्यंजनों गारवां, मईरी, भुट्टे की खीस, ठडुले, इन्द्रहार, श्रीखंड, औरिया, लुचई, बाफरे, थोपा से थालियां सजाई तो दूसरी ओर चित्रकला एवं रंगोली प्रतियोगिता में 30 टीमों ने प्रतिभाग कर बुंदेली ऐतिहासिक विरासतों को पर्यटन के सम्बंध में अपनी कलाकृतियों द्वारा रंगों से उकेरा। बुंदेली व्यंजन प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा, मुकुंद मेहरोत्रा व नीति शास्त्री ने बुंदेली व्यंजनों को परखा व इस प्रकार के आयोजन पर हर्ष व्यक्त किया। जीवनधारा फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पर्यटन विशेषज्ञ प्रदीप तिवारी विशिष्ट अतिथि रहे।

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