अजंता और एलोरा को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दी गई है : कुलपति

सृजन दी ड्राइंग एंड पेंटिंग क्लब ने अजंता एलोरा थीम पर आयोजित की चित्रकला प्रदर्शनी

झांसी। चित्र हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का परिचायक होती है। अजंता और एलोरा को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दी गई है। यह हमारी कलात्मक अभिव्यक्ति को दुनिया द्वारा दी गई मान्यता है। उक्त विचार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने सृजन दी ड्राइंग एंड पेंटिंग क्लब बुविवि द्वारा आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

 

प्रो पांडेय ने कहा कि अजंता एलोरा की गुफाएं यहां पर साक्षात प्रकट हो गई हैं। विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई कला कृतियां इंटरनेट पर उपलब्ध कला कृतियों से बहुत अलग हैं और जीवंत है। इससे यह सहज ही कहा जा सकता है कि विद्यार्थियों ने अपने शैक्षणिक भ्रमण का पूरा उपयोग किया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि जब दुनिया में कोई भाषा नहीं थी तो चित्रों के माध्यम से ही लोग अपनी बात को कहते थे। भारत की कलात्मक वैभव को देखकर लगता है कि यहां लोगों ने कला को संचार के रूप में उपयोग किया है। भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी ने कहा कि चित्रकला हमेशा से ही प्रसांगिक रही है। कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो मुन्ना तिवारी ने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की मदद से बुंदेली वीथिका का निर्माण किया जाएगा। जिस तरह से आज हम अजंता और एलोरा की कला कृतियों को देखने जाते हैं, उसी तरह से हमारा प्रयास होगा कि यहां की कलात्मकता को संरक्षित किया जाए और दुनिया में अपना स्थान प्राप्त करे। मंडल के पर्यटन आयुक्त एस के दुबे ने कहा कि अजंता और एलोरा की गुफाएं अपनी विरासत के साथ ही साथ साम्यिकता को अपने में समेटे हुए हैं। अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम की संयोजक एवं सृजन दी ड्राइंग एंड पेंटिंग क्लब की समन्वयक डा.श्वेता पाण्डेय ने किया व आभार डा.उमेश कुमार ने दिया। कार्यक्रम का संचालन शाश्वत सिंह ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *