जनपद में डेंगू नियंत्रण की कार्य योजना तैयार, जागरूकता ही बचाव: डीएम

झांसी। जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने जनपद में डेंगू रोग के नियंत्रण की कार्ययोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे महत्वपूर्ण है।

जिलाधिकारी ने बताया कि प्रदेश के कई जनपदों में डेंगूू रोग के बढ़ने की शिकायतंे मिल रही हैं। जनपद झांसी में भी डेंगू रोग के बचाव व उपचार के लिये कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा हैं। उन्हांेने कहा कि डेंगू रोग के नियंत्रण व बचाव के लिये तथा उसके लक्षण की जानकारी के लिये जनपद में हैण्डबिल, होर्डिग व वाल राइटिंग अन्य विभिन्न तरीकांे से जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रचार-प्रसार कराया जा रहा हैं। उन्होने कहा कि स्वास्थ विभाग की टीम बनायी गयी है जो ग्रामीण स्तर पर घर-घर जाकर लोगों से पूछ रही हैं कि उनको बुखार, खांसी आदि है या नहीं? जिला अस्पताल में डेडीकेटेड वार्ड बनाकर चिकित्सको की तैनाती कर ली गयी हैं। उन्होंने बताया कि डेंगू रोग में मुख्यतः प्लेटलेटस कम हो जाती है जिसके दृष्टिगत चिकित्सकों को निर्देश दिये गये है प्रत्येक व्यक्ति की प्लेटलेटस टेस्ट किया जाये। जिससे उसकी सही तरीके से मानिटिरिंग हो सकें। उन्होने कहा कि जिसका प्लेटलेटस काफी कम हो ऐसे मरीज का तत्काल उपचार के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने डेंगू रोग के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि अत्यधिक ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, आंखो के पिछले हिस्से में दर्द, शरीर पर लाल गुलाबी रंग के चकत्ते पड़ना, कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मिचलना, डेंगू की गंभीर स्थिति में नाक, मुंह आदि से रक्त बहना आदि लक्षण दिखते हैं। उन्होने कहा कि डेंगू के नियंत्रण हेतु जागरूकता ही मुख्य बचाव हैं। जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुये बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी, नगर पालिका परिषद व पंचायत नगर में चिकिनगुनिया के रोकथाम के लिए निरंतर साफ-सफाई, एंटीलार्वा, फागिंग कराने के लिए निर्देशित किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी सीएचसी व पीएचसी केन्द्र को लार्वारोधी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दिया गया हैं। उक्त कीटनाशक का छिड़काव आशा एवं ग्राम प्रधान के सहयोग ये सम्पादित किया गया हैं।

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