स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान में खोजे गए 11 नए कुष्ठ रोगी
समय से इलाज कराए और कुष्ठ रोग से मुक्ति पाए
जालौन (अनिल शर्मा)। स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान का समापन हो गया। अभियान के दौरान 11 नए कुष्ठ रोगी मिले। इनका पंजीकरण कर इलाज भी शुरू करा दिया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी 2023 से 13 फरवरी 2023 तक जिले में कुष्ठ जागरुकता और कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए अभियान चलाया गया। इस बार अभियान की थीम आइए कुष्ठ से लड़े और कुष्ठ को इतिहास बनाए थी। इस दौरान पुराने कुष्ठ रोगियों का फॉलोअप के साथ नए रोगियों को कुष्ठ के इलाज के लिए प्रेरित किया गया।उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग की पहचान बहुत सरल है और समय से इलाज से इससे मुक्ति भी मिल जाती है। इसलिए कुष्ठ रोग को लेकर भ्रम न पालें। कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव भी न करें।
जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ महेश चंद्रा ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति की त्वचा पर हल्के रंग के दाग, धब्बे हो, जो कि सुन्न हो तो ऐसे व्यक्ति संदिग्ध कुष्ठ रोगी हो सकते हैं। उन्हें तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज लेना चाहिए।
जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ मदनमोहन ने बताया कि अभियान के दौरान उनके नेतृत्व में टीम ने विभिन्न ब्लॉकों के 46 गांव का भ्रमण किया और 11 नए कुष्ठ रोगी खोजे। इसके अलावा 22 विद्यालयों में जागरुकता अभियान चलाया गया। लोगों को समझाया गया कि समय से इलाज कराकर कुष्ठ से मुक्ति पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 147 कुष्ठ रोगी उपचाराधीन है। अब इसमें 11 नए रोगी और बढ़ गए हैं। कुष्ठ रोगियों का इलाज छह माह से लेकर एक साल तक चलता है। कुछ केसों में आपरेशन की जरूरत होती है लेकिन यह रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है। साथ ही दवा और इलाज में मरीज का कोई भी पैसा खर्च नहीं होता है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ से दिव्यांग हुए व्यक्ति को हर माह तीन हजार रुपये पेंशन के रुप दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह पेंशन राशि केवल उन कुष्ठ रोगियों को मिलेगी, जो विभाग में पंजीकृत है।