कर्तव्य के अध्याय में मिसाल पेश करती डा. अनुराधा

खुद की सुरक्षा के साथ दूसरों को भी दे रहीं सुरक्षित रहने का संदेश
झांसी। एक तरफ सरकार कोरोना महामारी के दौर में गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान देने को बोल रही है, वहीं एक गर्भवती मां कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जनपद में दिन रात मेहनत कर रही है। यह मां कोई और नहीं बल्कि जनपद में संक्रमण से बचाव के लिए की जा रही हर एक रणनीति का अहम हिस्सा बनी महामारी विशेषज्ञ डा. अनुराधा है। जो गर्भवती महिलाओं के निगरानी में लगातार लगी हुईं है और वचाव के नित नये-नये तरीके गर्भवती महिलाओं के समक्ष पेश करतीं रहतीं है।
डा. अनुराधा बताती है कि जनवरी माह में उन्हें गर्भवती होने का पता चला था और उसी समय भारत सरकार की ओर से कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन के हिसाब से उन्होने और उनकी टीम ने कार्य करना शुरू कर दिया था। उस समय यह कोई नहीं जानता था कि यह बीमारी इतना भयाभह रूप लेलेगी। इस मुश्किल समय में जहां उन्हें खुद बेहतर ख्याल और खानपान की जरूरत है, वहीं खुद दूसरों के बेहतर ख्याल और इस संक्रमण से बचाव के लिए कार्य कर रही हंै। वह बताती हैं कि प्रतिदिन के कार्य में मीटिंग्स लेना, प्रशिक्षण देना, लोगों की काउंसिलिंग करना, सेल्फ रिपोर्टिंग, फॉर्मेट भरना, उसके आधार पर उनका फॉलो अप करना, हर दिन आइसोलेशन वार्ड के राउंड लगाना शामिल रहता है। डा. अनुराधा की पहले से ही साढ़े तीन साल की बेटी है, जिसको वह 3 माह से नाना-नानी के भरोसे छोड़े हुये हंै, देर तक घर पहुचने और पूरे समय व्यस्तता के कारण वह उसे समय नही दे पा रहीं है। इस तरह वह खुद की सुरक्षा के साथ-साथ दूसरी महिलाओं को भी सुरक्षा के उपाय बतातीं नजर आतीं है। सर्विलेस अधिकारी डां सुधीर कुलश्रेस्ठ बताते है कि यह समय सभी के लिए बहुत कठिन है। अनुराधा की हिम्मत की दाद देनी पड़ेंगी कि वह गर्भवती होने के बाद भी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *