उप्र-मप्र सीमा: प्रवासी मजदूरों ने की पत्थरबाजी तो पुलिस ने लाठीचार्ज से दिया जबाब

घंटे भर में ही निकल गई हजारों वाहनों की भीड़,साफ हुई सड़कें
झांसी। .यूपी-एमपी सीमा पर स्थित रक्सा के समीप रात भर से निकलने की राह देख रहे हजारों प्रवासी मजदूरों ने रविवार की सुबह सब्र खो दिया। मजदूर पुलिस पर हमलावर होते दिखे और उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। मौके की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने इसका जबाब लाठीचार्ज के साथ दिया। साथ ही इस हरकत से बैकफुट पर आए प्रशासन ने जाम खोलते हुए उन्हें जाने की इजाजत भी दे दी।
उप्र-मप्र बोर्डर पर बैसे तो लाॅकडाउन-3 लगते ही प्रवासी मजदूरों का आना-जाना शुरू हो गया था, लेकिन बीते रोज प्रदेश मुख्यालय से जारी आदेश के बाद से जनपद प्रशासन ने यूपी-एमपी बाॅर्डर पर स्थित रक्सा के समीप विभिन्न प्रदेशों से चलकर हजारों की संख्या में आ रहे मजदूरों के वाहनों को रोक लिया। प्रशासन का कहना था कि जो भी पैदल जा रहे हैं वे उन्हें बसों में बैठाकर भेजेंगे। जबकि जो प्राईवेट वाहन से हैं उन्हंे भी बसों द्वारा भेजा जाएगा। इस पर मजदूर तैयार नहीं थे। उन्होंने विरोध जताते हुए उन्हें जाने की अनुमति देने की हठ पकड़ ली। इसको लेकर बीती रात से मजदूर बाॅर्डर पर एकत्र हो रहे थे। कोटा शिवपुरी हाईवे पर वाहनों की करीब 15-20 किमी लम्बी कतारें लग गई। इधर 12 घंटे से सड़कों पर ठहरे हुए मजदूरों का पारा सूरज के पारे के साथ चढ़ता चला गया। मजदूरों ने पुलिस के साथ जबरदस्ती का भी प्रयास किया। इस दौरान असफल होने पर उन्होंने पत्थर फेंकना शुरु कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज का सहारा लेना पड़ा। हालांकि समाचार लिखे जाने तक महज घंटे भर के अंदर सारे वाहन निकल चुके थे।
प्रवासी मजदूर बोले,हमें रोको मत जाने दो
गौरतलब है कि रात 11 बजे से लेकर अब तक यूपी-एमपी सीमा पूरी तरह से सील है। ऐसे में लगभग 20 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। वहीं, भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूर अपने पूरे परिवार के साथ ऐसी भीषण गर्मी में ट्रकों पर सवार थे। प्रशासन के समझाने के बावजूद प्रवासी मजदूर मानने को तैयार नहीं हुए। जबकि प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए 2 ट्रेन और कई बसों का इंतजाम किया गया है। मौके पर आईजी सुभाष सिंह बघेल, डीएम आंद्रा वामसी और एसएसपी सहित जिले के तमाम बड़े अधिकारी भी सुबह से ही वहां जा पहुंचे थे। सभी अधिकारी प्रवासी मजदूरों को समझाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन वे उनकी बात मानने को तैयार नहीं थे। कई मजदूर पुलिस से भिड़कर अपने वाहनों को जबरन जिले की सीमा के अंदर प्रवेश करवा रहे थे। जाम में फंसे मजदूरों का कहना है कि उन्हें रात के 11 बजे से लेकर अब तक बॉर्डर पर रोक रखा है। हम में से कई लोगों की हालत खराब हो चुकी है। लेकिन यूपी पुलिस हमें आगे नहीं बढ़ने दे रही है। प्रशासन का कहना है कि आप लोग अपने निजी साधन से क्यों जा रहे हो, जब सरकार आपको अपने गनतब्य तक भिजवाने के लिए साधन उपलब्ध करा रही है। बस कुछ फोरमेल्टीज ही तो करनी है आपको। लेकिन इस पर मजदूर प्रशासन की बात मानने को तैयार नहीं। और इसी बात को लेकर आज सुबह मजदूरों और पुलिस के बीच बबाल हो गया। जब मजदरों से यह जानकारी ली गई कि जहां से आप चले हैं वहां पर आपकी थर्मल स्क्रीनिंग हुई है या नहीं। इस पर मजदूरों ने बताया कि कुछ लोगों की जांच हो गई है तथा कुछ बगैर जांच कराये ही अपने घर को निकल लिए।
मजदूरों को भेजने के लिए अब पहुंची बसें
जब रात भर से पुलिस और प्रशासन हजारों मजदूरों से जूझ रहा था और उन्हें बार-बार आश्वासन देकर बसों के आने का इंतजार करा रहा था। तब तक बसें नहीं पहुंची थी। समाचार लिखे जाने तक जब पूरी सड़क खाली हो गई,जाम हट गया। मजदूर भी अपने वाहनों में बैठकर निकल गए तब जाकर परिवहन विभाग की बसें रक्सा बाॅर्डर पर पहुंची।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *