सम्पूर्ण विश्व को समरसता का सन्देश देने को श्रीराम को वनवास जाना पड़ा : हरगोविंद कुशवाहा
जन जन के राम रामायण कॉन्क्लेव का भव्य आयोजन
ललितपुर (कुंदन पाल)। उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में अयोध्या शोध संस्थान लखनऊ द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से नगर के राजकीय इण्टर कालेज सभागार में गुरूवार को जन जन के राम, शबरी के राम थीम पर रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ के उपाध्यक्ष हरगोविंद कुशवाहा, के मुख्य आतिथ्य व चण्डी माता मन्दिर के महामण्डलेश्वर चंद्रेश्वरगिरि महाराज, जिलाधिकारी अन्नावि दिनेश कुमार, पुलिस अधीखक निखिल पाठक की उपस्थिति में सम्पन्न हुई। इस दौरान सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया। इसके उपरान्त सभी अतिथियों का बैज अलंकरण एवं अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया गया।
मुख्य अतिथि उपाध्यक्ष अंतराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ हरगोविन्द्र कुशवाहा ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व को समरसता का सन्देश देने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को वनवास जाना पड़ा। श्रीरामचरित मानस संसार का सबसे बड़ा ग्रन्थ है। रामचरित मानस की रचना राजा दक्ष की पुत्री को उनकी भ्रान्ति को दूर करने के लिए की गई थी। शबरी को प्रभु श्रीराम के ब्रह्म के रुप में दर्शन हुये। उन्होंने चौपाइयों के माध्यम से शबरी के राम का सुन्दर चरित्र वर्णन किया।
इसके बाद संस्कृत विभागध्यक्ष ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि त्रेता युग में भगवान राम का जन्म हुआ, भगवान राम के अवतार के बारे में राम काव्य में वर्णन है। जन-जन के राम को बाल्मीकि के राम की संज्ञा दी गई है। भगवान राम चक्रवर्ती सम्राट थे। भगवान के चरण धोने का सुअवसर केवट को मिला था, लंका विजय के उपरान्त भगवान राम के राजतिलक के समय दूसरा तिलक केवट ने किया था। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के प्रयासों से अयोध्या में राममंदिर के निर्माण की नीव रखी गई।
जिलाधिकारी अन्नावि दिनेश कुमार ने कहा कि संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा इस रामायण कॉन्क्लेव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पूरे प्रदेश में रामायण कॉन्क्लेव एक महत्वपूर्ण योजना थी, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के चरित्र को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह कार्यक्रम शुरु किया गया था। उन्होंने कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम तो थे ही, साथ ही वे एक कुशल राजा भी थे। वे समरता का यथार्त उदाहरण हैं। हम सभी को उनके आदर्शों को अपने जीवन में ढालने की जरुरत है।
चण्डी मन्दिर के महामण्डलेश्वर चन्द्रशेखर गिरि ने कहा कि भगवान के चरणों में अनुराग पैदा करने के लिए विवके की आवश्यकता होती है। जिन्होंने रामकथा को लिखा, वे भगवान का ही स्वरुप थे। जिस व्यक्ति को मोह हो जाता है, वह क्लसित हो जाता है। भगवान शंकर से बड़ो योगी इस संसार में और कोई नहीं है। मोह का नाश लम्बे समय तक सत्संग करने से होता है। जिस व्यक्ति के चरित्र में शबरी का चरित्र आ जाये, उसका जीवन धन्य है।
प्रधानाचार्य किसान इण्टर कॉलेज राजकुमार शर्मा ने कहा कि शबरी ने भगवान को अपने झूठे बेर खिलाये, लक्ष्मण जी ने इसे उपेक्षित किया और यही बाद में संजीवनी बूटी बने। भगवान श्री राम ने समाज में आपसी सामन्जस्य का संदेश दिया है।
बाबूलाल द्विवेदी ने कहा कि विचारणीय बिंदुओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विचारणीय सभा की संज्ञा प्रदान की जाती है। माँ शबरी, जटायु, केवट एवं कैकई रामायण के प्रमुख प्रेरणास्रोत चरित्र हैं। राजा एवं उसका राम एवं राम राज्य की भांति होने चाहिए।
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्या डॉ. जनकिशोरी ने कहा कि मानव व्यक्तित्व की अन्तः और वाह्य चेतना है, इस चेतना में जब हमारा विवेक आत्मदाह करता है तो हमारे भीतर मोह उत्पन्न होता है। ज्ञान, कर्म और धर्म जिसके भीतर होते हैं, वही व्यक्ति सही मायने में एक कुशल राजा होता है। हमारे देश के प्रतिनिधि इन विचारों पर कार्य कर रहे हैं और शीघ्र ही हमारे देश में राम राज्य आयेगा। यदि हम यथार्त की ओर विचार करते हैं तो हमारा व्यक्तित्व एक अनोखे रुप में निखर का सामने आयेगा।
इस मौके पर सदर विधायक रामरतन कुशवाहा ने भी भगवान राम को सभी का आराध्य बताया।
इसके बाद भगवान श्रीराम, लक्ष्मण एवं सीता माता के स्वरुप की भव्य आरती की गई, साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बद्री प्रसाद परदेशी के द्वारा आल्हा गायन, डॉ मीरा दीक्षित के द्वारा सीता चरित्रम नृत्य नाटिका, सुश्री सुधा देवी पाण्डेय के द्वारा राई नृत्य,राजेश शर्मा के द्वारा राम दरबार एवं भजन, सुश्री देवेन्द्र मंगलामुखी के द्वारा कथक नृत्य एवं नन्दिनी राज के द्वारा सैरा नृत्य एवं गायन की प्रस्तुति दी गई।
इस अवसर पर निदेशक अयोध्या शोध संस्थान लवकुश द्विवेदी, उप कृषि निदेशक संतोष कुमार सविता, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी एस.के. दुबे, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आर.के. रावत, अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय, जिला सूचना अधिकारी पीयूष चन्द्र राय सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।