डॉक्टर भारतेन्दु प्रकाश को लोकेंद्र भाई स्मृति राष्ट्रीय समाज सेवा सम्मान पुरस्कार

चंद्रशेखर आजाद स्मृति स्थल पर युवा शिविर एवं कंचनाघाट पर गांधी जन सम्मेलन का हुआ आयोजन

ओरछा/निवाड़ी। सोमवार को एक गर्वशाली पल उस दिन के रूप में दर्ज हुआ जब डॉक्टर भारतेन्दु प्रकाश को अखिल भारतीय लोकेन्द्र भाई स्मृति सम्मान से नवाजा गया। उन्हें यह सम्मान गांधी विचार के प्रसार और सर्वोदय के लिए दिया गया। यह सम्मान उनके प्रयासों और योगदान को मान्यता देने का एक अद्वितीय तरीका है जो उन्होंने समाज में बदलाव लाने के लिए किए हैं। यह सम्मान अपना संपूर्ण जीवन भूदान व गांधी विचार को समर्पित करने वाले स्वर्गीय लोकेंद्र भाई की याद में दिया जा रहा है। निर्णायक मंडल द्वारा इस पुरस्कार के लिए डॉ भारतेंदु प्रकाश को प्रथम पुरस्कार के लिए चयनित किया था जिसमें 50 हजार रूपये की सम्मान राशि जल जन जोड़ो अभियान द्वारा प्रदान की गयी। सम्मान समारोह मध्यप्रदेश के धार्मिक तीर्थ और पर्यटन स्थल ओरछा के निकट सातार नदी के किनारे कंचना घाट पर किया गया।


गौरतलब है कि डॉ भारतेन्दु प्रकाश 70 के दशक में आईआईटी कानपूर से अध्यापन छोड़कर बुंदेलखंड में सामजिक कार्य हेतु आये थे। जिन्होंने लगभग 5 दशक तक बुंदेलखंड में विज्ञानं एवं प्रद्योगिकी को आम आदमी से जोड़ने का कार्य किया और गांधी एवं जय प्रकाश नारायण के विचार को आगे बढाया और समाज के अंतिम व्यक्तियों की भलाई के लिए काम करते रहे। लोकेन्द्र भाई एक विजना , टहरौली (झाँसी) राज घराने से ताल्लुक रखते थे उन्होंने अपने युवाकाल में ही राजशाही को त्यागकर विनोवा के भूदान आन्दोलन से खुद को जोड़ा और गरीबों को अपनी सम्पति दान में दे दी। उत्तर प्रदेश, बिहार , मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में सक्रिय रहे। हजारो किलोमीटर की पदयात्राएं की। बुंदेलखंड में बहुत ही आदर के साथ लोकेन्द्र जी को नेवला वाले भाई जी के नाम से जाना जाता है।

इस मौके पर चंद्रशेखर आजाद स्मृति स्थल सातार तट पर कई राज्यों के नौजवानों के लिए गांधी विचार शिविर भी आयोजित किया गया। महात्मा गांधी के सिद्धांतों और विनोबा भावे आदर्शों के बारे में कई विद्वानो ने शिविर में युवा पीढ़ी को संबोधित किया। इस दौरान आज सुबह कंचना घाट पर नौजवानों द्वारा श्रमदान कार्य भी किया गया। इस दौरान भूदान आंदोलन में विनोबा भावे के साथ हजारों किलोमीटर की पदयात्रा कर चुके अमरनाथ भाई,प्रमुख गांधीवादी नरोत्तम स्वामी जी , केंद्रीय गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचंद्र राही, भूदान यात्रा में संत विनोबा भावे के साथी रहे गांधी भवन न्यास, भोपाल के सचिव दयाराम नामदेव, मध्यप्रदेश गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद आर्य, मध्यप्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष और चिंतक चिन्मय मिश्र, बुंदेलखंड के जल पुरुष संजय सिंह, गांधी भवन न्यास के कोषाध्यक्ष और लेखक अरुण डनायक प्रसिद्ध पत्रकार राजेश बादल, प्राकृतिक चिकित्सक डॉक्टर सच्चिदानंद, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता रामकृष्ण शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा, मध्यप्रदेश गांधी स्मारक निधि की सचिव दमयंती पाणी, गांधी भवन न्यास के सदस्य अंकित मिश्र और सर्व सेवा संघ के युवा प्रकोष्ठ संयोजक भूपेश भूषण सहित बुंदेलखंड के सैकड़ों गाँधी जन भी इस शिविर में मौजूद रहे।

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