जिले में पूरे उत्साह के साथ मनाया गया स्वन्त्रता दिवस

विद्यालय, मदरसों, सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठानों में हुआ झंडारोहण

महोबा (आलोक शर्मा)। देश मे 77 वें स्वतंत्रता दिवस की धूम के साथ ही जिले में भी आजादी का उत्सव परंपरागत तरीके से जिले भर में सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, निजी प्रतिष्ठानों में उत्साह के साथ मनाया गया । जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय सांसद एवं सदर विधायक के साथ ध्वजारोहण किया। महोबा मे शहीद स्थल पर बुंदेली समाज व सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ तिरंगा फहराया गया।

इस दौरान जीआईसी इंटर कॉलेज में छात्राओं ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभक्ति के गीतों पर आधारित नृत्य कर सभी को मनमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही जिले के मदरसों में भी स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। जिसमें मदरसा दारुल उलूम समादिया मकनियापुरा और मदरसा दारुल उलूम समादिया भटीपुरा स्थित मदरसे में भी बड़ी संख्या में अध्यनरत छात्रों के साथ उपस्थित नागरिकों की मौजूदगी में तिरंगा फहराया गया।

आज शहीद स्थल पर झंडारोहण में मुख्य आयोजक बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर महोबा में बुंदेली समाज द्वारा हवेली दरवाजा स्थिति शहीद स्थल में आज राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया । इसी मैदान में 16 क्रांतिकारियों को इमली के पेड़ पर सामूहिक फांसी दी गई थी। राष्ट्रीय पर्व आने पर यह याद बुंदेलों के दिमाग में ताजा हो जाती है। अंग्रेजों के खिलाफ डटकर मुकाबला करने वाले क्रांतिकारियों का जज्बा सुन बुंदेलों में जोश भर जाता है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1857 में विदेशी हुकूमत के खिलाफ हुई गदर में यहां के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। जब अंग्रेजों का जीना हराम हो गया तो तत्कालीन कलेक्टर जनरल व्हिंटलॉक बर्बरता पर उतर आया। बुंदेलखंड के गांवों का नेतृत्व कर रहे एक सैकड़ा से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

 

महोबा शहर के हवेली दरवाजा स्थित मैदान में इमली के पेड़ों पर 16 देशभक्तों को सामूहिक फांसी की सजा सुनाई गई थी, तय तिथि पर ज्योराहा निवासी भवानी, कल्लू समेत सभी 16 क्रांतिकारियों को हवेली दरवाजा मैदान में लगे इमली के पेड़ पर सामूहिक फांसी दी गई थी। वहीं उन्होंने कहा की ऐसे देश सपूतों को कोटि-कोटि नमन जो अपने देश की आन बान शान के लिए निछावर हो गए वही महोबा के हर घर में तिरंगा दिखाई दे रहा है चाहे वह हिंदू का घर हो और चाहे मुसलमान का चाहे सिख या फिर इसाई आज जहां भी नजर गयी वहां केवल तिरंगा दिखाई दिया । इसके साथ ही सभी सरकारी विभागों में तय समय पर झंडारोहण किया गया ।

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