रखे सावधानी, निभाएं जिम्मेदारी तो दूर रहेगी एड्स की बीमारी

एड्स के खिलाफ जागरुकता का दिख रहा असर

जालौन (अनिल शर्मा)। एचआईवी एड्स एक ऐसी बीमारी है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को ख़त्म कर देता है, ऐसे में मरीज को सावधानी न बरतने पर कोई भी बीमारी आसानी से हो जाती है। एड्स का कोई इलाज नहीं है लेकिन यदि सावधानी बरती जाए तो एड्स से बचाव किया जा सकता है। साथ ही एड्स पीड़ित मरीज समय से इलाज लेते रहें तो वह सामान्य जीवन भी जी सकता है। यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ डीके भिटौरिया का। उन्होंने बताया कि लगातार चलाये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम से एचआईवी को लेकर पहले के मुकाबले अब लोग ज्यादा जागरूक हुए हैं। इस वर्ष अभी तक 83 नए मरीज एचआईवी संक्रमित मिले हैं।

डॉ डीके भिटौरिया ने बताया कि एचआईवी एड्स असुरक्षित यौन संबंध, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई संक्रमित सुई व रक्त से फैलता है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि एचआईवी संक्रमित मां नियमित रुप से दवाओं का सेवन करें तो उसके बच्चे को एचआईवी से बचाया सकता है। जिले में इस समय 480 एड्स संक्रमित उपचाराधीन है। जिला अस्पताल में स्थित एआरटी सेंटर में इन मरीजों का नियमित उपचार चल रहा है। एचआईवी एड्स पर जागरूकता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘समानता’ रखी गई है। इसका उद्देश्य है कि एचआईवी संक्रमित लोगों से भेदभाव न करते हुए उन्हें समान अवसर और बराबरी दिया जाना है।

 

गर्भवती की हो रही एचआईवी जांच
उत्तर प्रदेश वेलफेयर फार पीपुल लिविंग विथ एचआईवी एड्स सोसाइटी के कार्यक्रम अधिकारी पुरुषोत्तम तिवारी का कहना है कि उनकी संस्था एचआईवी गर्भवती और उनके बच्चों को बचाने का काम कर रही है। वर्ष 2022 से अब तक कुल 23 गर्भवती महिलाएं एचआईवी संक्रमित मिली थी, जिसमें 18 महिलाओं ने समय से दवाओं का सेवन किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि उनके बच्चे एचआईवी संक्रमित होने से बच गए, वही दो महिलाओं के बच्चे एचआईवी संक्रमित मिले। वर्तमान में अभी तीन गर्भवती का देखरेख की जा रही है।

 

प्रसव पूर्व जांच से बच्चे को एचआईवी से बचाया जा सकता
गर्भवती यदि पहली त्रिमाही में प्रसव पूर्व जांच में एचआईवी की जांच करा लें और समय से इलाज शुरू करा दें तो एचआईवी पीड़ित मां के गर्भस्थ शिशु को एचआईवी पीड़ित होने से बचाया जा सकता है। हर गर्भवती सभी जांचों के साथ एचआ‍ईवी की भी जांच जरुरकराये| जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर यह जाँच निशुल्क होती है।

एचआईवी के लक्षण
• हर वक्त थकान रहना
• गले के आसपास सूजन
• दस दिनों से ज्यादा बुखार
• रात में पसीना आना
• बेवजह वजन कम होना
• स्किन पर बैगनी रंग के दाग
• जल्दी जल्दी सांसें आना

एचआईवी से बचाव के उपाय
– जीवनसाथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध न रखें|
– यौन संबंध बनाते समय कंडोम आदि का प्रयोग|
– मादक औषधियों के आदी व्यक्तियों से द्वारा उपयोग में ली गई सीरिंज व सुई का प्रयोग न करें।
– रक्त की आवश्यकता होने पर अंजान व्यक्ति का रक्त न लें। सुरक्षित रक्त के लिए एचआईवी जांच किया गया रक्त ही ग्रहण करें।
– डिस्पोजेलेबल सीरिंज व सुंई तथा अन्य चिकित्सीय उपकरणों का 20 मिनट पानी में उबालकर जीवाणु रहित करके ही उपयोग में लाए।

पिछले पांच साल के एड्स मरीजों की संख्या
वर्ष      पुरुष      महिला
2018   23          17
2019   41           28
2020   31           28
2021   30           35
2022   54           29

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *